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‘चूड़धार चोटी’ पर पहली बार हेलीकॉप्टर लैंडिंग, शिमला से 12 मिनट का सफर

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दक्षिण हिमाचल सहित पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक ‘भगवान शिरगुल जी महाराज’ की तपोस्थली चूड़धार चोटी  पर पहली बार हेलीकॉप्टर की लैंडिंग हुई है। हालांकि, कुछ वर्ष पहले हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया था, लेकिन लैंडिंग नहीं हुई थी। शिमला प्रशासन की कोशिश पर ये ट्रायल सफल रहा है।शिमला हेलीपोर्ट से उड़ान भरने के बाद हेलीकॉप्टर चूड़धार चोटी के कालाबाग में करीब 12-15 मिनट में लैंड हो गया। कांग्रेस के संगठन मंत्री रजनीश खिमटा ने एक निजी कंपनी का चौपर हायर किया था। शिमला से चूड़धार की उड़ान में उपायुक्त आदित्य नेगी, चौपाल के एसडीएम नारायण सिंह चौहान, कांग्रेस के संगठन महामंत्री रजनीश खिमटा व डीएफओ भी शामिल थे। 6 सीटर चौपर का ट्रायल सफल हुआ है।ट्रायल के सफल होने के बाद प्रशासन जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए भी चौपर सुविधा उपलब्ध करवाने की तैयारी में जुट सकता है। इसके लिए दो बिंदुओं पर कार्य हो रहा है। पहला प्रयास ये है कि 6-6 सीटर दो चौपर को लैंड करने की व्यवस्था हो। दूसरी कोशिश ये है कि बड़े हेलीकॉप्टर को उतारा जा सके। आपको बता दें कि चूड़धार चोटी तक पहुंचने के लिए दो मुख्य पैदल रास्ते हैं।

सिरमौर के नौहराधार से करीब 16 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई से चूड़धार पहुंचा जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ चौपाल के सराहं से भी 8-10 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई है। हालांकि, सराहं से पुलबाहल तक सड़क के निर्माण से पैदल दूरी काफी घट भी गई है।

तकरीबन 11 से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर भगवान शिरगुल के प्राचीन मंदिर को जीर्णोद्धार के बाद  नया स्वरूप प्रदान करने का कार्य भी पूरा हो चुका है।   चौपाल के एसडीएम नारायण सिंह चौहान ने शिमला से चूड़धार के टेक ऑफ व लैंडिंग के सफल ट्रायल की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त शिमला भी चोटी पर पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि सुबह 9 बजे के आसपास टेक ऑफ किया गया था। मंदिर में करीब दो घंटे बिताने के बाद प्रशासन वापस शिमला लौटा था। उन्होंने कहा कि जल्द ही ये सुविधा श्रद्धालुओं के लिए भी शुरू करने की कवायद तेज कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले सीजन से श्रद्धालुओं को हवाई यात्रा रियायती दरों पर उपलब्ध हो जाएंगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक