चिट्टे पर तपा विधानसभा सदन, सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में बुधवार को सदन चिट्टे पर खूब गरमाया। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खूब नोकझोंक हुई। यह प्रश्न डीएस ठाकुर, मलेंद्र राजन, विनोद कुमार और केवल सिंह पठानिया ने संयुक्त रूप से उठाया। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि युवा नशे की लत में पड़े हैं। जबसे सरकार बनी है, तबसे नशा कारोबार में 30 प्रतिशत की कमी आई है। नशा तस्कर हाईकोर्ट से जमानत ले रहे हैं। इसी सदन में ड्रग्स के खिलाफ कानून लाया जा रहा है। आजकल सभी पुलिसकर्मी ड्रग्स के तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। नशा तस्करों की संपत्ति सीज करने की प्रक्रिया चल रही है। पिछली सरकार ने सलाहकार बोर्ड नहीं बनाया। वर्तमान सरकार ने बनाया है। जितने भी सप्लायर हैं, उन्हें छह से नौ महीने तक जमानत लेने से भी रोका जा रहा है। एक भवन को गिरा दिया गया है। जो एक्ट आ रहा है, उसमें सख्त से सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जा रहा है।60 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी चिट्टे में संलिप्त पाए गए हैं।
सत्र के बाद नियमानुसार उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी इसकी प्रस्तुति होगी। सोलन के कोटला बहेड़ में नशा निवारण केंद्र बनाया जा रहा है। यह 150 बीघा में खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सारी जेलों में चिट्टे के आरोपी भरे हैं। चिट्टा के खिलाफ कोई भी हो, सीधी बात करें। राजनीतिक व्यक्ति या चिट्टे के पक्ष में सिफारिश करने वाला मिला तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने 15 मार्च तक पंचायतों में मैपिंग करने को कहा गया था कि कौन चिट्टा ले रहा है। इसका ब्योरा आ गया है। इसकी प्रस्तुति दी जाएगी। स्कूल-कॉलेजों में भी इसी तरह की मैपिंग होगी। छह महीनों के भीतर सरकार संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी।