चार सितंबर की बैठक में स्‍कूल खोलने पर निर्णय लेगी सरकार

Spread the love

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा नई शिक्षा नीति टास्क फोर्स का गठन किया है। हर जिला में टास्‍क फोर्स की बैठक होगी। इसकी शुरुआत आज धर्मशाला में हुई। अन्य जिलों में भी बैठकें होंगी और प्रदेश में भी बिल्कुल सही तरीके से इसे लागू किया जाएगा। चार सिंतबर को दाबारा बैठक करने के बाद प्रदेश के स्कूल खोले जाने पर निर्णय लिया जाएगा। इसके विपरीत बुधवार से कॉलेज शुरू हो जाएंगे। सितंबर माह के अंत तक पाठ्यक्रम कटौती का प्रारूप लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में आई थी। यह शिक्षा नीति भारत को विश्व गुरु के सिंहासन पर बैठाने के लिए प्रतिबंध है। इसके माध्यम से हम एक ऐसी शिक्षा हम अपने बच्चों को देना चाहते हैं कि बच्चे को दे कि वह वैश्विक बन सके।

हिमाचल प्रदेश में यह शिक्षा नीति सैद्धांतिक रूप से लागू कर दी है। एक वर्ष हो गया है इसकी टास्क फोस्स का गठन किए हुए अब हमने विचार किया है हर हेडक्वार्टर में जाकर ऐसी वर्कशॉप की जाए। जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। शिक्षा नीति पर संवाद पर कार्यक्रम किया है। 111 स्टेक होल्डर हैं, डाइट के लोग हैं, अभिभावक हैं पांच मई तक यह कार्यक्रम चलेगा। शिक्षागत ढांचे को मजबूत करने के लिए सात परियोजनाएं स्ट्रेंथनिंग टीचर लर्निंग एंड रिसर्च फॉर स्टेट शुरू किया है, इसे साढ़े छह सौ करोड़ केंद्र से मिलने वाले हैं। इस प्रोजेक्ट की भी लांचिंग की है। यह प्रोजेक्ट पांच वर्ष के लिए प्रोजेक्ट होगा। संवाद कार्यक्रम के साथ-साथ यह कार्यशालाएं आयोजित होती रहेंगी। ब्लॉक स्तर पर शिक्षण संस्थान तक ऐसी चर्चाएं होती रहें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति और स्टार्स प्रोजेक्ट की संचालन ओर मूल्यांकन के लिए धर्मशाला  में आयोजित वर्कशाप में राजकीय माध्यमिक पाठशाला चांदमारी के टीजीटी अध्यापक संजय चौधरी द्वारा अपने व अपने सहयोगी दोस्तों, स्वयंसेवी दानी सज्जनों आदि के माध्यम से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बलधर व आसपास के प्राथमिक ओर उच्च पाठशालाओं के जरूरतमंद बच्चों को सैमसंग कंपनी के 28 नए मोबाइल फोन दान किए जाने की सराहना की। उन्होंने अध्यापक संजय के प्रयासों को आदर्श मान कर अन्य जगह भी इस तरह के प्रयासों की संभावना तलाशने की आवश्यकता पर बल दिया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक