सोलन चंबाघाट में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के जमीन में उतरने की उम्मीद कम है। फ्लाईओवर निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई भूमि मौके पर कम निकली है। स्थिति यह हो गई है कि प्रदेश सरकार द्वारा चंबाघाट की पहाड़ी पर करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे सॢकट हाऊस की सड़क भी बंद हो जाएगी क्योंकि जमीन कम होने के कारण फोरलेन से एक्सैस मिलना मुश्किल हो गया है। चंबाघाट चौक पर फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। कागजों में इस चौक पर फोरलेन निर्माण के लिए करीब 51 मीटर भूमि है लेकिन मौके पर 41 मीटर भूमि का अधिग्रहण हुआ है।
फ्लाईओवर निर्माण के लिए 10 मीटर भूमि की कमी को पूरा करना आसान नहीं है।
इन हालातों से निपटने के लिए कंपनी ने वहां पर एक्सैस रोड न देने का निर्णय लिया है। इसके कारण अब निर्माणाधीन सॢकट हाऊस को सड़क मिलना मुश्किल हो गया है। यही नहीं, इसके साथ ही अस्पताल का भी निर्माण होना है। सड़क न होने के कारण 2 परियोजनाएं खटाई में पड़ सकती हैं। समस्या चंबाघाट चौक पर ही नहीं है बल्कि जहां पर फ्लाईओवर का समापन होना है, वहां मौके पर 5 मीटर भूमि का अधिग्रहण ही नहीं हुआ है। चंबाघाट से शुरू हो रहे इस फ्लाईओवर का कृषि विभाग कार्यालय के नजदीक पैट्रोल पम्प के समीप समापन होना है लेकिन वहां पर करीब 26 से 28 मीटर भूमि का ही अधिग्रहण हुआ है। इसके कारण इसके निर्माण के लिए 5 मीटर भूमि कम पड़ गई है।
मजेदार बात यह है कि चंबाघाट से फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है लेकिन इस फ्लाईओवर को जमीन पर कैसे उतारा जाएगा। इसको लेकर अभी से ही सवाल खड़े हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन द्वारा फ्लाईओवर निर्माण के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण के दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन मौके पर यह भूमि कम पड़ गई है। इसके कारण फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी की परेशानी भी बढ़ गई है। इससे कंपनी को निर्धारित समय सीमा में इस परियोजना को पूरा करना टेढ़ी खीर बन गया है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने इस मामले को स्थानीय प्रशासन से भी उठाया है लेकिन यह मामला हल होता नजर नहीं आ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कंडाघाट की ओर रेलवे फाटक से आगे 36 मीटर भूमि अधिग्रहण हुआ है लेकिन मौके पर 30 मीटर भूमि ही उपलब्ध हुई है। इस भूमि के ऊपर ही फ्लाईओवर का निर्माण होना है।
We’ve built a community of people enthused by positive news, eager to participate with each other, and dedicated to the enrichment and inspiration of all. We are creating a shift in the public’s paradigm of what news should be.