चंडीगढ़ से दवाइयां मंगवा कर जिला के दुर्गम क्षेत्रों तक भी भेजीं- उपायुक्त

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चंबा जिला की दूरस्थ चुराह घाटी के सरोगा गांव के शुक्र दीन और चुराह घाटी के ही थल्ली  गांव के धर्मचंद ने लॉक डाऊन के बीच आस छोड़ दी थी कि उन्हें चंडीगढ़ में मिलने वाली दवाई उनके घर द्वार पर पहुंच जाएगी। लॉक डाउन के दौरान मरीजों को उनके घर द्वार पर आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां पहुंचाने को लेकर राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के बाद चम्बा जिला प्रशासन ने भी जो  हेल्पलाइन शुरू की थी उसके माध्यम से जिला के अनेक मरीजों को दवाइयां प्राप्त हो चुकी हैं। चुराह  घाटी के धर्मचंद और शुक्रदीन की तरह अन्य मरीजों के लिए भी यह व्यवस्था किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई।  

धर्म चंद और शुक्रदीन जैसे तमाम लाभार्थी राज्य सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की संवेदनशीलता और उनके दिशानिर्देशों की सराहना कर रहे हैं। वे कहते हैं कि आपदा की इस घड़ी में मरीजों को समय पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करने का जो संबल मुख्यमंत्री ने प्रदान किया है वो हमेशा याद रहेगा। 

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता के साथ कार्य करते हुए समय पर दवाइयां पहुंचाने की जो व्यवस्था कायम की थी उसने व्यावहारिक तौर पर भी इसे  अमलीजामा पहनाया। चंबा जिला के सलूणी उपमंडल के भलेई  गांव के ओम प्रकाश ने भी इसी व्यवस्था का सहारा लिया और गम्भीर रोग में काम आने वाली यह दवाई चंडीगढ़ से मंगवा कर प्रदीप के पिता तक पहुंचाई गई। गौरतलब है कि ये दवाई ना केवल चंबा बल्कि कांगड़ा और पठानकोट में भी उपलब्ध नहीं थी। इसी तरह चंबा शहर की एक युवती को भी एंटी कैंसर की दवाई चंडीगढ़ से मुहैया करवाई गई। 

चंबा जिला के उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट  विवेक भाटिया ने बताया कि चंबा शहर में ही 7 मेडिकल स्टोर को होम डिलीवरी के लिए अधिकृत किया गया था। उन्हें यह निर्देश जारी किए गए थे कि मरीजों को किसी भी किस्म की दिक्कत नहीं होनी चाहिए और होम डिलीवरी की व्यवस्था सुचारू रखना सुनिश्चित बनाया  जाए। उन्होंने बताया कि अब तक इन 7 मेडिकल स्टोर के माध्यम से ही 532 होम डिलीवरी की जा चुकी हैं। चंबा जिला भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। होम डिलीवरी इस  व्यवस्था के माध्यम से चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र में भी दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से  अब तक  58 लोगों ने दवाइयों को लेकर  अपने  रिक्वेस्ट दी थी जिनमें से 57 को  शुक्रवार तक दवाइयां उपलब्ध करवा दी गई हैं। ये प्रक्रिया निरंतर हर रोज जारी है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है ताकि जिला के मरीजों को लॉक  डाउन की अवधि में भी दवाइयों को लेकर किसी भी तरह की समस्या से दो-चार न होना पड़े।

स्वास्थ्य विभाग के दवा निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि उपायुक्त  विवेक भाटिया स्वयं  इस पूरी व्यवस्था  की  निरंतर फीडबैक  लेते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और जिला प्रशासन हेल्पलाइन के अलावा  कुछ लोगों ने सीधे उनसे भी संपर्क किया है। इनमें से 32 मरीजों की दवाइयां पठानकोट से मंगवा कर उनके घर द्वार पर पहुंचाई गई।

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