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ग्रीष्मोत्सव की आखिरी सांस्कृतिक संध्या में CM ने बतौर मुख्यतिथि की शिरकत

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत सायं अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव शिमला की आखिरी सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

इस अवसर पर ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ग्रीष्मोत्सव शिमला एक ऐतिहासिक उत्सव है तथा वे शुरू से इस उत्सव का आनंद लेते आए हैं और हमारा प्रयास है कि शिमला में अधिक से अधिक पर्यटक आएं तथा यहां की वादियों का लुत्फ उठाएं तथा आनंदित होकर यहां से जाएं। उन्होंने कहा कि मेले एवं उत्सव हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं, जिनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न भागों में अनेक मेले आयोजित किए जाते हैं।

  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्मारिका का विमोचन भी किया। उपायुक्त एवं अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव शिमला आयोजन समिति अनुपम कश्यप ने मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथिगणों को सम्मानित किया। आखिरी संध्या का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध गायक दलेर मेहंदी रहे, जिन्होंने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। ग्रीष्मोत्सव में चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट द्वारा आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें बाल आश्रम टूटीकंडी, बाल आश्रम मशोबरा के छात्र-छात्राओं द्वारा मनभावन प्रस्तुति दी गई।

 

ग्रीष्मोत्सव में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला (NZCC) के कलाकारों ने प्रतिदिन बहरूपिया, कच्ची घोड़ी, वायोस्कोप व कठपुतली की प्रस्तुति दी। ग्रीष्मोत्सव के आखिरी दिन राजकीय उच्च पाठशाला कैथू, चौप्सली स्कूल शिमला, एनजेडसीसी पटियाला उत्तराखंड (जोनसारी नृत्य) पंजाब, एनजेडसीसी पटियाला पंजाब (भांगड़ा और जिंदुआ), एनजेडसीसी पटियाला उत्तर प्रदेश के कलाकारों द्वारा (बरसाना की होली, मयूर नृत्य) प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर. एस. बाली, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, कमांडर आरट्रैक लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह, जनरल ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस कुशवाह,  विधायक विनोद कुमार व रीना कश्यप, महापौर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान, उपाध्यक्ष वन विकास निगम केहर सिंह खाची, उप- महापौर उमा कौशल, उपाध्यक्ष एचपीआईडिसी विशाल चंबियाल, सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक