Third Eye Today News

गो ग्रीन पर काम कर रहा एडवर्ड्स संघ

Spread the love

शिमला, एडवर्ड्स स्कूल संघ के अध्यक्ष राजीव सूद ने बताया कि स्कूल द्वारा एक कार रैली का आयोजा किया गया जिसकी शुरुवात एडवर्ड्स स्कूल से हुई। इस रैली को स्कूल के प्रधानाचार्य अनिल स्क्वायरा द्वारा हरि झंडी देकर रवाना किया गया। कार रैली स्कूल से नलडेहरा गोल्फ क्लब तक चली, जहां एक गोल्ड प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।
राजीव सूद ने बताया कि एडवर्ड्स स्कूल गो ग्रीन के लक्ष्य को लेकर काम कर रहा है और इसके अंतर्गत स्कूल एवं अन्य स्थानों पर स्वच्छता और पौधारोपण के कार्यक्रम भी किए गए। गो ग्रीन आज के समय की सबसे प्राथमिक जरूरत है, जिस प्रकार से वातावरण दूषित हो रहा है और प्रदूषण पर काबू पाना आने वाली पीढियां के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। इस चुनौती से लड़ने के लिए हम सबको गो ग्रीन के लक्ष्य पर काम करना है, आज काम शुरू होगा तो भविष्य सुधरेगा। राजीव सूद ने बताया कि कार रैली में लगभग 73 गाड़ियों ने हिस्सा लिया और गोल्ड प्रतियोगिता में 41 प्रतिभागियों ने भाग किया।


उन्होंने कहा कि कचरे से सामग्री प्राप्त करने और संसाधनों पर बोझ कम करने के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों का क्रियान्वयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्लास्टिक पैकेजिंग, ई-कचरा, बैटरी अपशिष्ट, बेकार टायर, इस्तेमाल किए गए तेल, जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहन, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट, तथा अलौह धातुओं के स्क्रैप संबंधी ईपीआर विनियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने का आग्रह किया ताकि उत्पादकों और पुनर्चक्रणकर्ताओं को ईपीआर प्रमाणन में सुविधा हो।
राजीव सूद ने कहा कि एडवर्ड्स स्कूल ने 100 वर्ष पूर्ण होने पर देश और दुनिया से प्रतिभागी शिमला आए हैं। सभी ने अपने-अपने कार्य क्षेत्र के अनुभव स्कूल के छात्रों के साथ संजना किए जिससे बच्चों का मनोबल भी बड़ा।
उन्होंने विश्व पैरा एथलेटिक्स प्रतिभागी की असाधारण भावना, दृढ़ संकल्प और रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन की प्रशंसा की, जिसने देश को गौरवान्वित किया है, इसे हम सबको भी प्रेरणा लेनी चाहिए। भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 22 पदकों – 6 स्वर्ण, 9 रजत और 7 कांस्य – के साथ कुल मिलाकर 10वां स्थान हासिल किया। यह सब पैरा एथलीट नहीं, बल्कि भारत के पावर एथलीट हैं। पदक जीतकर आपने देश को जो गौरव दिलाया है और खासकर दिव्यांगजनों को जो प्रेरक संदेश दिया है, यह प्रशंसनीय है। इसमें जो साहस दिखाया है, वह अद्भुत है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक