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गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व एन.सी.एफ. 2023 पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम

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गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में दिनांक 27 सितम्बर 2025 को सीबीएसई-सीओई, पंचकुला के तत्वावधान में “राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023” विषय पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला का संचालन विद्यालय की आदरणीय प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा के मार्गदर्शन तथा संसाधन व्यक्तियों मिस ईशा आनंद और श्री संजू हुड्डा के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिससे कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।

सत्र के दौरान संसाधन व्यक्तियों ने शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया। कार्यशाला में विशेष रूप से क्षमता-आधारित शिक्षा, अनुभवात्मक अधिगम, बहुभाषावाद, मूल्य-आधारित शिक्षा, प्रौद्योगिकी का समावेशन और तनावमुक्त मूल्यांकन प्रणाली पर गहन चर्चा की गई। शिक्षकों को यह समझाया गया कि अध्ययन के लिए मूल्यांकन और अध्ययन का मूल्यांकन में क्या अंतर है तथा इन्हें कक्षा-कक्ष में संतुलित रूप से कैसे लागू किया जा सकता है।

कार्यशाला को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु समूह चर्चा, प्रश्नोत्तरी और सहभागितापूर्ण गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। शिक्षकों ने गतिविधि-आधारित शिक्षण, कला और खेल का एकीकरण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार साझा किए। सभी प्रतिभागियों ने माना कि यह कार्यशाला शिक्षण को और अधिक रचनात्मक एवं विद्यार्थी-केंद्रित बनाने में अत्यंत सहायक होगी।

प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ शिक्षकों को नवीनतम शैक्षिक दृष्टिकोण से जोड़ती हैं और विद्यार्थियों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उन्होंने संसाधन व्यक्तियों का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया और उनकी विशेषज्ञता तथा मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

अंत में संसाधन व्यक्तियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया और यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई। सभी शिक्षकों ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस कार्यक्रम से बहुत कुछ सीखा, जिसे वे अपनी कक्षाओं में व्यवहारिक रूप से लागू करेंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक