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गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दशहरा उत्सव

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सोलन। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में दशहरा उत्सव बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ विद्यालय के प्रांगण में मनाया गया। प्रांगण रंग-बिरंगे सजावटों, पंडालों और पारंपरिक झांकियों से सजा हुआ था, जिसने विद्यार्थियों, शिक्षकों और आगंतुकों को आनंदित किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य भी उपस्थित रहे और उन्होंने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों की सराहना की।

समारोह की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद बच्चों ने अपने रंग-बिरंगे परिधानों और सजीव अभिनय के माध्यम से रामायण की झलकियाँ प्रस्तुत कीं। इन प्रस्तुतियों में राम, सीता, लक्ष्मण और रावण के पात्रों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा विद्यार्थियों ने पारंपरिक और आधुनिक नृत्य प्रस्तुत किए, जिनमें लोकनृत्य और समूह नृत्य विशेष रूप से आकर्षक रहे। बच्चों के हर्षोल्लासपूर्ण प्रस्तुतियों ने न केवल दशहरे के पावन संदेश को जीवंत किया बल्कि यह भी दिखाया कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और टीम वर्क की भावना को प्रोत्साहित करती हैं।

विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने सभी उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और यह हमें सत्य, धर्म और आदर्शों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे जीवन में अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारियों का पालन करें और अपने ज्ञान और कौशल का सदुपयोग करें।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रावण दहन रहा, जिसे सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बड़ी उत्सुकता और हर्षोल्लास के साथ देखा। रावण दहन के साथ ही पूरे उत्सव का समापन हुआ और सभी ने विजयदशमी के पावन संदेश को साझा किया। इस आयोजन ने विद्यालय की सांस्कृतिक दृष्टि, विद्यार्थियों की प्रतिभा और प्रबंधन समिति के सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक