गुरुकुल इंटरनेशनल में पशु संरक्षण पर कार्यशाला, बच्चों ने लिया करुणा का संकल्प
गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में कक्षा तृतीय से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला एन.जी.ओ. “एहसास – बीइंग अ बेटर ह्यूमन” के तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसका संचालन संस्था की संस्थापक एवं वर्तमान प्रमुख सुश्री श्वेता डोभाल शर्मा (Founder & Present Head, जो पेशे से ट्यूटर हैं) ने किया। इस अवसर पर संस्था की सेक्रेटरी सुश्री गीताांजलि शोनक और एग्जीक्यूटिव मेंबर श्री साहिल भारद्वाज भी उपस्थित रहे और उन्होंने विद्यार्थियों के साथ विचार साझा किए।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में जीव-जंतुओं के प्रति करुणा, सहानुभूति और जिम्मेदारी की भावना को जागृत करना था। सुश्री शर्मा ने बच्चों को सरल भाषा और रोचक उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि जैसे मनुष्य को जीने, सुरक्षित रहने और देखभाल पाने का अधिकार है, उसी प्रकार पशु-पक्षियों का भी जीवन उतना ही मूल्यवान और आवश्यक है। उन्होंने यह प्रेरणा दी कि बच्चे कभी भी किसी भी पशु-पक्षी को डराएँ या सताएँ नहीं, बल्कि उनकी रक्षा करें।
एन.जी.ओ. के कार्यों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि संगठन ने सोलन में A.B.C. शेल्टर (Animal Birth Control Shelter) खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ घायल और बेसहारा पशुओं का इलाज और देखभाल की जाती है। सुश्री गीताांजलि शोनक (सेक्रेटरी) ने बच्चों से कहा कि करुणा केवल बड़े कार्यों से नहीं, बल्कि छोटी-छोटी पहल से भी विकसित होती है—जैसे गर्मियों में पक्षियों के लिए पानी रखना या सर्दियों में बेसहारा कुत्तों को सोने के लिए स्थान उपलब्ध कराना। वहीं, श्री साहिल भारद्वाज (एग्जीक्यूटिव मेंबर) ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि दया और सहानुभूति ही इंसानियत की असली पहचान है और विद्यार्थी इन मूल्यों को अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए प्रेरित किया कि वे इस कार्यशाला से मिली शिक्षाओं को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि सच्चा शिक्षित वही है, जो ज्ञान के साथ-साथ संवेदनशीलता और जिम्मेदारी भी प्रदर्शित करता है।

