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गिरि नदी में चार मीटर तक पहुंचा जलस्तर, 2008 का रिकॉर्ड अब तक कायम

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लगातार बारिश के चलते सिरमौर जिला की गिरि नदी उफान पर रही। शुक्रवार को मरयोग स्थित केंद्रीय जल आयोग के कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि इस वर्ष अब तक गिरि नदी का अधिकतम जलस्तर चार मीटर रिकॉर्ड किया गया है। नदी के रौद्र रूप से किनारे रहने वाले लोग दहशत में रहे, वहीं कई पेयजल और सिंचाई परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।

अभियंता ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश भर में बारिश ने करोड़ों रुपये का नुकसान किया है, लेकिन गिरि नदी के जलस्तर में अपेक्षाकृत अधिक इजाफा नहीं हुआ। गौरतलब है कि 20 सितम्बर 2008 को गिरि नदी में अब तक का सबसे भीषण बाढ़ का रिकॉर्ड दर्ज हुआ था, जब जलस्तर 9 मीटर तक पहुंच गया था और नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी थी।

इस बार यशवंतनगर में गिरि नदी का रिवर बेस लेवल 895 मीटर मानक रखते हुए अधिकतम जलस्तर 899 मीटर दर्ज हुआ है। जबकि वर्ष 2008 में यह स्तर 903.80 मीटर तक पहुंच गया था। इसके अलावा 5 मई 1995 को गिरि नदी में सर्वाधिक डिस्चार्ज स्तर 1787.59 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया था, जो अब तक नहीं टूटा है।

गिरि नदी का कैचमेंट एरिया 1349 किलोमीटर है। इसकी निगरानी के लिए केंद्रीय जल आयोग ने यशवंतनगर में स्वचालित सैटेलाइट कैमरा भी स्थापित किया है, जो सीधे दिल्ली स्थित मंडल और उपमंडल कार्यालय से जुड़ा हुआ है। विशेषज्ञ प्रतिदिन इस कैमरे से आने वाली रिपोर्ट की मॉनिटरिंग करते हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि अतीत में नदी के जलस्तर को विशाल शिलाओं से मापा जाता था। जब शिलाएं बाढ़ के पानी में डूब जातीं तो ग्रामीण इसे भयंकर बाढ़ का संकेत मानकर स्वाजा देवता को प्रसन्न करने के लिए बलि चढ़ाया करते थे।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक