गवर्नमेंट कॉलेज कुपवी में 70 में से केवल सात छात्र पास, पूरे सत्र में शिक्षक नियुक्त नहीं : खन्ना

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• सरकार और विभाग की बड़ी लापरवाही, बच्चो का एक वर्ष बर्बाद
• ना जमीन, ना शिक्षक बच्चे बागवान भरोसे

शिमला, भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा की जिस प्रकार से सरकार हिमाचल प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रही है दुर्भाग्यपूर्ण है इसको लेकर हमने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को एक पत्र में लिखा है।

उन्होंने कहा की शिमला जिले के गवर्नमेंट कॉलेज, कुपवी में 70 में से केवल सात छात्रों ने बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की है। 10 प्रतिशत का खराब परिणाम आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि पिछले साल कॉलेज एक भी शिक्षक के बिना संचालित हुआ था, जिससे सभी 70 छात्रों को अपनी किस्मत पर निर्भर रहना पड़ा। कॉलेज में केवल सात छात्र उत्तीर्ण हुए हैं जबकि नौ अन्य को कंपार्टमेंट मिला है। 50 से अधिक छात्र असफल हुए हैं।”
दुर्भाग्यवश अभिभावक-शिक्षक संघ द्वारा संक्षिप्त अवधि के लिए दो निजी शिक्षकों को छोड़कर, पूरे सत्र में शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए। खराब रिजल्ट के लिए छात्रों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इतने सारे छात्रों का एक कीमती साल बर्बाद हो गया क्योंकि अधिकारी पूरे साल एक भी नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं कर सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुख देने वाला है।

इस बच्चों का एक साल बर्बाद होने के लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा? सरकार को यह बताना चाहिए। उन्होंने कहा, “पिछले साल कड़वे अनुभव के कारण कई छात्रों ने कॉलेज छोड़ दिया है। कॉलेज की नामांकन संख्या इस दावे का समर्थन करता है। जबकि पिछले साल कॉलेज के पहले बैच में 70 छात्र थे, बीए प्रथम वर्ष और बीए द्वितीय वर्ष की संयुक्त संख्या इस वर्ष घटकर केवल 63 रह गई है। बीए द्वितीय वर्ष में छात्रों की संख्या और कम हो सकती है, विनाशकारी परिणाम के बाद और गिरावट आ सकती है।

यहां के प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, नेरवा हरबंस लाल शर्मा के पास राजकीय महाविद्यालय, कुपवी के प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार है। इससे भी कॉलेज के ऊपर पूरा ध्यान नहीं दिया जा सकता।
हालांकि इस प्रकरण के बाद तीन नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हुई पर कुल 8 शिक्षक नियुक्त होने है। सभी स्थानीय बच्चों की मांग है कि नियुक्ति पूर्ण होनी चाहिए और जो नियुक्तियां हो रही है उनको आने वाले समय में कभी भी रिक्त नहीं रखना चाहिए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक