हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्कर सोलन पुलिस से खौफजद हैं। हालांकि, पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन सप्लाई चेन टूट रही है। बताते हैं कि सप्लाई में गिरावट आने की वजह से चिट्टे के दाम भी बढ़े हैं। तस्करों को बैकवर्ड लिंकेज के बूते खाकी पाताल से भी खोजकर सलाखों के पीछे पहुंचा रही है।
दावा ये भी किया जा रहा है कि पुलिस के खौफ की वजह से युवाओं द्वारा लत को छोड़ने के लिए अस्पताल के चक्कर लगाए जा रहे हैं। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के खेमे से भी एक सुकून देने वाली खबर आई है। इसके मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने करीब एक साल में 270 चिट्टे के आदी युवकों को नशे के गर्त से बाहर निकालने में सफलता हासिल की है। ये युवा सामान्य जीवन यापन कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. अजय सिंह ने बताया कि एक साल के भीतर 270 युवाओं ने दवाइयों की मदद से चिट्टे का सेवन त्यागा है।
उनका कहना है कि नशा करने वालों को अस्पताल में दाखिल करने की नौबत नहीं आती। केवल आवश्यकता इस बात की होती है कि घर पर एक सदस्य मरीज की तिमारदारी पूरी शिद्दत से करे। चिकित्सक द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन सही समय पर होना चाहिए। चिट्टे के आदी युवाओं को करीब 9 महीने में पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक