खराबी ईवीएम में नहीं, राहुल गांधी में है : टंडन

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शिमला, भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन ने प्रदेश स्तरीय संगठन पर्व बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा ईवीएम पर सवाल पर पलटवार किया है। टंडन ने कटाक्ष किया कि खराबी ईवीएम में नहीं, राहुल गांधी में है। कांग्रेस को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम के कारण नहीं, बल्कि उसके नेतृत्व के खराब प्रबंधन के कारण करारी हार का सामना करना पड़ा। खरगे से कहा कि वह ईवीएम को नहीं, बल्कि राहुल को बदलें। वह उनकी जगह किसी अन्य को लाने पर विचार करें। ईवीएम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एनर्जी, विकास और मेहनत के रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि कांग्रेस को आरबीएम यानी राहुल का बेकार मैनेजमेंट हरा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ईवीएम को साइड में रखने की बात कह रहे हैं, जबकि जनता ने कांग्रेस को ही साइड में रख दिया है। झारखंड में वह भाजपा से पीछे है और महाराष्ट्र में तो बर्बाद हो गई। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर हताशा और झल्लाहट आना स्वाभाविक है।

टंडन ने तंज कसा कि कांग्रेस को न ईवीएम चाहिए, न न्यायपालिका चाहिए, न चुनाव आयोग चाहिए, न ईडी-सीबीआइ चाहिए। इनको कुछ नहीं चाहिए तो सर्वोच्च उपयुक्त स्थान मंगल ग्रह है। वहां कुछ नहीं है। वहां जाकर शहजादे को कुर्सी पर बैठाएं। खरगे का बयान याद दिलाया कि एससी, एसटी, ओबीसी और गरीबों के वोट ईवीएम के कारण खराब हो रहे हैं। टंडन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि खड़गे जी ने ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर लाने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी चाहे ईवीएम को साइड में रखे या न रखे, लेकिन महाराष्ट्र और देश की जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह साइड कर दिया है। कांग्रेस पार्टी हर चुनावी राज्य में हाशिए पर पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र में भाजपा समर्थित महायुती सरकार ने प्रचंड जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस 288 विधानसभा सीटों में से मात्र 16 सीटें जीत पाई है। यह कांग्रेस के जनाधार के पतन को स्पष्ट करता है। झारखंड जैसे राज्य में भी कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी से काफी पीछे है। दरअसल, कांग्रेस की इस करारी हार ने पार्टी को हताश कर दिया है, जिसके चलते राहुल गांधी और कांग्रेस एवं विपक्ष के अन्य नेता गुस्से में बेतुके बयान दे रहे हैं। टंडन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि हम बैलेट पेपर किसी भी कीमत पर लेकर आएंगे और ईवीएम को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के घर रखवा देंगे। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घर में ईवीएम पहले से मौजूद है, ‘ई’ फॉर ‘एनर्जी,’ ‘वी’ फॉर ‘विकास’ और ‘एम’ फॉर ‘मेहनत।’ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एक मशीन की तरह ही काम करते हैं और उनकी अतुलनीय मेहनत के कारण ही भारतीय जनता पार्टी लगातार जीत रही है।

भाजपा माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एनर्जी, विकास और मेहनत (ईवीएम) की वजह से जीत रही है और कांग्रेस आरबीएम की वजह से हार रही है। आरबीएम का अर्थ है राहुल गाँधी का बेकार मैनेजमेंट। खराबी मशीन में नहीं, बल्कि खराबी कांग्रेस के लीडरशिप में है। कांग्रेस को ईवीएम नहीं, राहुल गांधी को बदलना चाहिए। कोई भी प्रतिद्वंदी इस प्रकार की अनचाही सलाह नहीं देता है, मगर राजनीति में इतना शिष्टाचार होना चाहिए कि इतने वर्षों बाद विधानसभा और संसद में साथ-साथ बैठने के बाद हम उन्हें अनचाही सलाह दे सकें। मल्लिकार्जुन खड़गे जानते हैं कि खराबी कहां है, मगर बोल नहीं पाते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक