सोलन, अप्रैल 22-बीते सप्ताह सोलन शहर के क्लीन कस्बे में एक युवा महिला के हत्याकांड में पति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने ससुर को भी हत्या के जुर्म में दबोचा है।
गौरतलब है कि 13 अप्रैल के थाना में सूचना प्राप्त हुई थी कि कलीन सोलन से रशमी नामक महिला को इलाज के लिए असपताल लाये है जिसे डाक्टर ने मृत घोषित किया है ।
जिस सूचना पर पुलिस टीम अस्पताल पहुंची तो मृतका के गले पर खरोच के निशान पाए गए जो मृतिका रशमी के परिजनों से बिजनौर उतर प्रदेश सम्पर्क किया गया। दिनांक 14 अप्रैल को शव का निरीक्षण करने के पश्चात उसकी हत्या की आशँका पर थाना सदर सोलन में मुकदमा धारा 302 IPC के तहत पंजीकृत किया गया था।
यह जानकारी देते हुए सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि तफ्तीश व मर्ग की तस्दीक के दौरान यह तथ्य सामने आए थे कि मृतिका रशमी व उसके पति अशवनी कुमार में आए दिन झगड़ा होता रहता था तथा दिनांक 13 अप्रैल को जब घर के सभी सदस्य सुबह 6 बजे अपने –अपने काम पर चले गए थे तो अशवनी कुमार ने अपनी पत्नी का गला हाथ से दबाकर मृत्यु की थी जिसपर 14 अप्रैल को ही मृतिका के पति अशवनी कुमार को गिरफ्तार करके 5 दिन पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया था।
तफ्तीश के दौरान पाया गया कि आरोपी का पिता राकेश कुमार पुत्र राम चरण निवासी क्लीन सपरुन – सोलन व अभियुक्त की माता जो नगर निगम में कूड़ा उठाने के काम करते हैं दोनों ने सुबह नगर निगम कार्यालय में हाजरी लगाई थी तथा अपने अपने काम पर डोर टू डोर कूड़ा उठाने चले गए।
जांच के दौरान मृतिका के दोनों बच्चों से भी पूछताछ की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया गया कि मृतिका की मृत्यु हाथ से गला दबाने से हुई है तथा उसके होंठ अथवा नाक के पास खून भी पाया गया। जांच के दौरान परिवार के सभी लोगों के काल डिटेल, लोकेशन डाटा व कलीन के आसपास इलाके मे लगे CCTV कैमरों का लगातार पुलिस टीम द्वारा अवलोकन किया गया।
जांच में पाया गया कि मृतिका के ससुर राकेश कुमार नगर निगम कार्यालय में हाजरी लगाने के पश्चात जैसे ही वार्ड नम्बर 12 में कूड़ा उठाने के लिए गया तो वहां से अचानक अपने घर स्थित वार्ड न0 13 में आ गया जिसपर सन्देह होने पर उससे पुलिस हिरासत में गहनता से पूछताछ की गई जो सभी साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा में पहले से गिरफ्तार अशवनी कुमार के पिता राकेश कुमार की भी इस हत्या में संलिप्ता पाई जाने पर उसे भी गिरफ्तार करके माननीय न्यायालय में पेश करके 3 दिन पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया गया।
आरोपियों से पुलिस हिरासत में लगातार पूछताछ की जा रही है और मुक़दमा में सभी साक्ष्यों का तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है।
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