कोविड केयर सेंटर में लाश को लूटा, परिजनों ने जिलाधीश से की शिकायत

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पालमपुर  :

सरकार की छत्रछाया में चल रहे कोविड केयर सेंटर में क्या मुर्दो को लूटा जा रहा है।बात सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन पाहड़ा पंचायत के एक व्यक्ति ने कुछ ऐसे ही संगीन आरोप लगाते हुए जिलाधीश कांगड़ा से शिकायत की है। जिलाधीश ने सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर मिली शिकायत को सीएमओको अग्रेषित कर इस बारे में जवाबतलबी की है। कोरोना काल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं की कड़ी में एक और घटना जुड़ गई है। घटना भी ऐसी जिसमें पाहड़ा पंचायत के तप्पा निवासी बलवंत ने जिलाधीश को दी गई शिकायत में लिखा है कि उसकी 60 वर्षीय माता चम्पा देवी 14 मई को पालमपुर अस्पताल में भर्ती थीं।

पॉजिटिव पाए जाने पर 15 मई को कोविड केयर सैंटर पपरोला आर्युविज्ञान महाविद्यालय में भर्ती करवाया था लेकिन उसी रात वहां मौत हो गई। 16 मई को सूचना मिलने पर हम पपरोला पहुंचे और पंचायत प्रधान की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बलवंत ने बताया कि जब उनकी मां को अस्पताल में एडमिट किया था तब उनके हाथ में तीन सोने की अंगूठियां, कानों में बालियां व मंगलसूत्र पहना था। इन सभी आभूषणों की कीमत करीब डेढ़ लाख के करीब है। बलवंत ने कहा कि उन्हें इस लूट का पता तब लगा जब वे संस्कार के बाद चिता को धो रहे थे। उन्होंने बताया कि शव कोविड प्रोटोकॉल के चलते पूरी तरह लिपटा था इसलिए संस्कार से पहले इस बात का पता नहीं चला। चिता की राख में सिर्फ पैरों के बिच्छु ही मिले। अंगूठियां, मंगलसूत्र व बालियां आदि में से कोई चीज न तो राख में मिली और न ही अस्पताल प्रबंधन ने लौटाई। उन्होंने जिलाधीश से सारे प्रकरण की जांच करने का आग्रह किया है।

न घटना से इंकार, न स्वीकार: एमएस

पपरोला कोविड केयर सेंटर का जिम्मा सम्भाल रहे एमएस डॉ. कुलदीप बन्याल ने इस घटना पर है रानी व्यक्त करते हुए कहा कि सीएमओ कांगड़ा के माध्यम से उनके पास ऐसी शिकायत आई है। उन्होंने कहा कि मैं न तो ऐसी घटना हुई है ऐसा कहने की स्थिति में हूं और न ही यह कहने की स्थिति में कि परिजन झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो इससे शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती। मैंने शिकायत मिलने पर उस वक्त ड्यूटी पर तैनात सभी लोगों से पूछा है लेकिन सब ने ऐसा करने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि जब हमने परिजनों को शव की शिनाख्त करवाई थी, अगर उस समय शिकायत करते तो सच सामने लाने में आसानी होती लेकिन इस
प्रकार की घटना ने हमें नया सबक सिखाया है। दोबारा ऐसा न हो, इसके लिए अब हम मरीज ने क्या-क्या पहना है इसकी सूची तैयार की जाएगी ताकि घटना की पुनरावृत्ति न हो। फिर ऐसा न हो, इसलिए की शिकायत उधर महिला के पुत्र बलवंत का कहना है कि उनके साथ जो होना था वह हो गया। मां के गहने मिलें या न मिलें, कोई बात नहीं। उनका मकसद सिर्फ इतना है कि भविष्य में किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद ऐसी वारदात न हो और अगर ऐसा हो रहा है तो ऐसा करने वालों को सजा मिले।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक