कोलकाता डॉक्टर रेप: पुलिस के एक्शन और पूर्व प्रिंसिपल घोष पर उठे सवाल

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं, उनके लिए काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता के अधिकार से भी वंचित कर रहे हैं. कोर्ट ने इस वीभत्स घटना के बाद पुलिस के एक्शन पर भी सवाल उठाए और राज्य की ममता सरकार को भी फटकार लगाई. प्रिंसिपल संजय घोष की नियुक्ति पर भी कोर्ट ने सवाल उठाया.

SC ने ममता सरकार से क्या कहा

    1. राज्य से अपेक्षा की गई थी कि वह कानून और व्यवस्था बनाए रखने और अपराध स्थल की सुरक्षा के लिए राज्य मशीनरी तैनात करेगी. हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सका.

    2. पश्चिम बंगाल सरकार यह सुनिश्चित करे कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.

  1. रेप कांड के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

  2. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, “शव को अंतिम संस्कार के लिए किस समय सौंपा गया?” इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि रात 8:30 बजे. फिर सीजेआई ने कहा कि शव सौंपने के 3 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई… यह क्या है?

  3. मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने में हुई देरी के लिए कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा, “रेप-हत्या मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई. साथ ही पूछा कि अस्पताल के अधिकारी क्या कर रहे थे.

  4. जब आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया.

  5. सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को फटकार लगाते हुए सवाल दागा कि हजारों लोगों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कैसे घुस गई.

  6. ऐसा लगता है कि वारदात की जानकारी सुबह-सुबह ही मिल गई थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोर्ट मीडिया में मृतका का नाम प्रकाशित होने से बहुत चिंतित है.

  7. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई को 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

  8. सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों के लिए सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने के वास्ते 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक