कोरोना से ठीक होने वालों को हो रही यह बीमारी, जा रही आंखों की रोशनी
कोरोना से मचे आतंक के बीच एक नया खतरा देश पर मंडरा रहा है। कोरोना से ठीक हो रहे लोग अब म्यूकोरमाइकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।इस संक्रमण के मामले कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों में बढ़ रहे हैं और जिसकी वजह से उनमें आंखों की रोशनी चले जाना और अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो रही है। सात मरीज गंवा चुके आंखों की रोशनी गुजरात और दिल्ली में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां कोरोना से रिकवरी के बाद लोग म्यूकोरमाइकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं। सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोविड-19 से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीज में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला है। कवक संक्रमण के लिए रोगियों का इलाज चल रहा है जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अबतक सात मरीज अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं।

महाराष्ट्र में 200 मरीजों का चल रहा ईलाज
महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस (कवक संक्रमण) से कम से कम आठ लोग अपनी दृष्टि खो चुके हैं। ये लोग कोविड-19 को मात दे चुके थे, लेकिन काले कवक की चपेट में आ गए। राज्य में ऐसे लगभग 200 मरीजों का उपचार चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख, डॉक्टर तात्याराव ने बताया कि वे लोग कोविड-19 से बच गए थे, लेकिन कवक संक्रमण ने उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला किया। कोरोना मरीज आसानी से आ रहे बीमारी की चपेट में डॉक्टर लहाने ने कहा कि कवक संक्रमण की बीमारी के बारे में पहले से ही पता है, लेकिन इसके मामले कोविड-19 संबंधी जटिलताओं की वजह से बढ़ रहे हैं जिसमें स्टेरॉइड दवाओं का इस्तेमाल कई बार रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है और कुछ दवाओं का परिणाम रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के रूप में निकलता है। उन्होंने बताया, कि ऐसी परिस्थिति में कवक मरीज को आसानी से संक्रमित कर देता है। ऐसे ही एक मामले में मरीज की आंख स्थायी रूप से निकालनी पड़ी ताकि उसकी जान बचाई जा सके।

