कृषि बिल के विरोध में देशभर में किसानों का प्रदर्शन, सड़क से पटरी तक किसानों ने आंदोलन किया तेज
कृषि बिल के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद के खिलाफ आज देश भर में किसान आंदोलन कर रहे है। किसानों के इस भारत बंद में पंजाब, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों के किसान शामिल हो रहे हैं। भारत बंद के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है। किसान संगठनों को कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आप, टीएमसी समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है।
पंजाब में किसानों ने कृषि बिलों के विरोध में जालंधर में फिल्लौर के पास अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। पंजाब के किसान कल (गुरुवार, 24 सितंबर) से ही तीन दिनों के रेल रोको आंदोलन पर हैं। वहां किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं और हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान बिल गलत दिशा में एक कदम है। यह समय सच्चाई के साथ खड़े होने का है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि किसानों से MSP छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।
पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कृषि बिल के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने हमारे ‘अन्नदात’ को ‘निधि दात’ के माध्यम से कठपुतली बना दिया है। कृषि बिल किसान विरोधी है। सरकार ने कहा था कि वे 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे, लेकिन ये बिल उन्हें और गरीब बना देगा। कृषि क्षेत्र का कॉर्पोरेटकरण किया गया है।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने सरकार पर हमला बोलते हुए आंदोलन के लंबे चलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार के हमसे बातचीत न करने, इस आंदोलन को महत्व न देने से लगता है कि आंदोलन लंबा चलेगा।
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