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कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र को सुदृढ़ करने में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण – मनमोहन शर्मा

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उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि ज़िला के समस्त बैंकों को ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए कृषि आधारित क्षेत्र तथा पशुपालन में अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर रोज़गार के बेहतर अवसर सृजित किए जा सकें। मनमोहन शर्मा आज यहां ज़िला स्तरीय सलाहकार समिति की 181वीं त्रैमासिक बैठक तथा यूको ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) की 53वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत के प्रत्येक वार्ड को बैंकिंग तथा ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में जागरूक करना आवश्यक है ताकि कोई भी व्यक्ति ठगी का शिकार ना हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक सदस्य को वित्तीय शिक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायत के प्रत्येक वार्ड में वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन करें। उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना व स्टैंड अप इंडिया योजना, डॉ. वाई.एस. परमार ऋण योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ज़िला वासियों को अधिक से अधिक ऋण व जीवन बीमा के अंतर्गत कवर करने के निर्देश दिए। उन्होंने घर-घर के.सी.सी. अभियान पर अधिक बल देने के निर्देश भी दिए ताकि लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि बैंक वार्षिक ऋण योजना के निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूर्ण करना सुनिश्चित बनाएं। समय पर लक्ष्य प्राप्त होने से लोगों की आर्थिक आवश्यकताएं बेहतर तरीके से पूरी की जा सकती हैं। उन्होंने किसानों के अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड बनाने, कृषि उपकरणों के लिए ऋण प्रदान करने तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिए।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि यूको आरसेटी को कृषि व्यवसाय से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ करने की सम्भावनाएं तलाशनी चाहिएं। यूको ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान (यूको आरसेटी) को ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने चाहिएं, जो युवाओं को रोज़गार एवं स्वरोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकें।
भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक राहुल जोशी ने बैंकों को समय-समय पर जारी होने वाले दिशा-निर्देशों की जानकारी दी तथा इनकी अनुपालना का आग्रह करते हुए सभी बैंक अधिकारियों से खण्ड स्तरीय कार्यशाला तथा प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए।
बैठक में वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत सलाहकार समिति द्वारा बैंकों को ऋण प्रदान करने के लिए दिए गए लक्ष्यों की सघन समीक्षा भी की गई।
बैठक में ज़िला के अग्रणी बैंक यूको बैंक की प्रबंधक तमन्ना मोदगिल द्वारा जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सोलन ज़िला में 30 सितम्बर, 2025 तक 4398 लाभार्थियों को 214.53 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की गई। इसमें शिशु श्रेणी के तहत 548 लाभार्थियों को लगभग 9 करोड़ 47 लाख रुपए, किशोर श्रेणी में 2469 व्यक्तियों को लगभग 48 करोड़ 07 लाख रुपए तथा तरूण श्रेणी के तहत 1240 लाभार्थियों को लगभग 80 करोड़ 89 लाख रुपए व तरुण प्लस के लगभग 141 लाभार्थियों को 76 करोड़ 14 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 41 व्यक्तियों को 10 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि वितरित की गई। उन्होंने अवगत करवाया कि ज़िला में 30 सितम्बर, 2025 तक पशुपालन तथा मत्स्य पालन के अंतर्गत 3232 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 278 आवेदनों में से 114 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वरोज़गार मिशन के तहत सितंबर, 2025 तक विभिन्न बैंकों में पंजीकृत 1180 स्वयं सहायता समूहों को 1730 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया जा चुका है।
बैठक में ऑनलाइन बैंकिंग के विषय पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
यूको आरसेटी की निदेशक मीनू बारियां ने कहा कि यूको बैंक ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान सोलन के माध्यम से सितम्बर, 2025 तक 08 विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 18 से 50 आयु वर्ग के 249 पात्र प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इच्छुक युवक व युवतियां अपनी रुचि अनुसार विषय चुनकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर ज़िला परिषद सोलन के अध्यक्ष रमेश ठाकुर, नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबंधक अशोक चौहान, हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति विकास निगम के महाप्रबंधक अजय राघव, उप निदेशक कृषि डॉ. देव राज कश्यप, विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित विभिन्न बैंकों के प्रबंधक तथा प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक