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किताब खरीद मामले में हुआ भ्रष्टाचार, शिमला में प्रकाशकों ने विधानसभा के बाहर किया धरना प्रदर्शन

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शिक्षा विभाग पर किताब खरीद में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला एक बार फिर तूल पकड़ गया है। शिकायतों पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज प्रकाशकों ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ और अखिल भारतीय हिंदी प्रकाशक संघ के संयुक्त आह्वान पर देशभर से प्रकाशक शिमला में एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

शिक्षा विभाग पर किताब खरीद में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला एक बार फिर तूल पकड़ गया है।

प्रकाशकों के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में छत्तीसगढ रायपुर के प्रकाशक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में विभिन्न राजनीतिक नेताओं और हिमाचल के स्थानीय लेखकों के साथ मुलाकात की थी। प्रकाशकों का आरोप है कि चुनिंदा प्रकाशकों को खरीद प्रक्रिया में लाभ पहुंचाया जा रहा है। दिल्ली से आए प्रकाशक संजय शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ने एक कुरियर कंपनी के पते पर दर्ज आठ फर्मो को कार्य देने की तैयारी में था। इसी तरह एक पते पर कई फर्में पंजीकृत है। इसका पूरा रिकार्ड शिक्षा विभाग के सचिव को सौंपा गया है।

उन्होंने आरोप लगाते कहा कि पूरा रिकार्ड सौंपने के बावजूद भी इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रकाशकों ने कहा कि शिक्षा मंत्री भी शिकायतों को गंभीरतापूर्वक नहीं ले रहे हैं। प्रकाशक वाणी प्रकाशन के संचालक अरूण माहेश्वरी का कहना है कि किताबें हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों गढती है और हम हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग से यही कहना चाहते है कि वे देश के प्रतिष्ठित प्रकाशकों की बेहतरीन किताबों को नजरअंदाज न करें और मात्र तीन-चार समूह के लोगों को ही काम न दिया जाए।

आंदोलन का का नेतृत्व कर रहे प्रकाशक सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रकाशक किताब खरीदी पर 35 फीसद का डिस्काउंट देने को तैयार है क्योकि यह देश का सर्वमान्य नियम है मगर हिमाचल प्रदेश का शिक्षा विभाग हमसे मात्र 10 प्रतिशत का डिस्काउंट चाहता है, इसी से इस विभाग की नियत समझी जा सकती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक