कालाअंब पुलिस बाढ़ से तीन प्रवासी बच्चों को बचा बनी देवदूत

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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की कालाअंब थाना पुलिस ने हरियाणा की सीमा पर एक साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से तीन प्रवासी बच्चों की जान बचाकर अपनी कुशलता का परिचय दिया। साथ ही देवदूत की भूमिका भी निभाई।घटना त्रिलोकपुर पंचायत के खैरी नदी की है, जहां सुबह करीब 11:45 बजे अचानक आई बाढ़  में प्रवासी मजदूरों के तीन बच्चे फंस गए। बाढ़ की भयावहता को देखकर प्रवासी मजदूरों  के परिवारों में चीख-पुकार मच गई, और वे नदी के किनारे खड़े होकर रो-रो कर मदद की गुहार लगाने लगे।इस स्थिति की सूचना मिलते ही काला अंब थाना पुलिस और अग्निशमन विभाग  तुरंत हरकत में आ गए। अतिरिक्त थाना प्रभारी भागीरथ शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। टापू पर फंसे बच्चों तक सीधा पहुंचना बेहद मुश्किल था, लिहाजा तुरंत हरियाणा के सीमावर्ती  क़स्बे नारायणगढ़ से हाइड्रा मशीन मंगवाई गई। रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल पुलिसकर्मियों  ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह किए बिना हाइड्रा के बूम पर लटकते हुए टापू तक जाने का साहसिक प्रयास किया। ये देखकर बच्चों के परिजनों के चेहरे पर सुकून भी नजर आ रहा था।

करीब दो घंटे के इस जटिल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 10 वर्षीय साजन और 8-8 साल के रंजन और साजिद कुमार साहनी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। तीनों बच्चे औद्योगिक क्षेत्र  के कारखानों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के हैं और नहाने के लिए नदी में गए थे। ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश  के कारण नदी का जलस्तर  अचानक बढ़ गया, जिससे वे बीच नदी में बने टापू   पर फंस गए।

इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चों के परिजनों और मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस दल का तहे दिल से आभार जताया और उनके साहस की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कालाअंब पुलिस  की इस त्वरित और साहसिक कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि संकट के समय पुलिस ही सच्चे देवदूत  बनकर सामने आते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक