हिमाचल प्रदेश में ‘खाकी’ कानून व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के प्रति जिम्मेदारी का बखूबी वहन करने का प्रयास कर रही है। लेकिन अब खाकी एक मकसद को लेकर कालका-शिमला हाईवे पर सोलन पुलिस लाइन के समीप एक पैट्रोल पंप खोलने जा रही है। पंप का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। यानि, पैट्रोल पंप को निजी कंपनी या फिर व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी तरह से पुलिस द्वारा ही संचालित किया जाएगा।
क्या है मकसद….
दरअसल, हिमाचल प्रदेश पुुलिस का पैट्रोल पंप चलाने के पीछे एक बड़ा मकसद है। लाभांश का इस्तेमाल पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए खर्च करने की योजना है। असमय दुनिया को अलविदा कह चुके पुलिस कर्मियों के परिवारों को पंप की कमाई से आर्थिक मदद पहुंचाने का बड़ा मकसद है। साथ ही पुलिस कर्मियों के आश्रितों को पंप में रोजगार भी दिया जाएगा।
डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि पंप के संचालन के लिए एक कमेटी बनेगी, जिसका मुखिया सोलन के एसपी होंगे। डीजीपी ने कहा कि कई मर्तबा पुलिस जवानों की असमय मौत हो जाती है, उन्हें सीमित ही मदद मिलती है। जवानों को बीमारी या फिर दिव्यांग होने पर भी मदद की दरकार होती है। उन्होंने कहा कि मुनाफा पुलिस कर्मियों के कल्याण पर ही खर्च किया जाएगा।
वाहन धारकों को भी मिलेगा फायदा… ये तो तय है कि राज्य में पुलिस का ये पहला पैट्रोल पंप होगा। देश में कहां-कहां पुलिस ने पैट्रोल पंप स्थापित किए हैं, इसको लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि पांच साल पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी इसी तर्ज पर पैैट्रोल पंप खोलने का फैसला लिया था।
बहरहाल, लोगों को फायदा मिलेगा। चूंकि, खाकी ही इसे चलाएगी, लिहाजा पैट्रोल व डीजल के मिलावट रहित होने की संभावना रहेगी। गुणवत्ता को लेकर टेंशन नहीं होगी। कालका-शिमला हाईवे पर ट्रैफिक की खासी आवाजाही रहती है। लिहाजा, हिमाचल पुलिस का उद्यम मुनाफे का सौदा हो सकता है।
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