कालका-शिमला फोरलेन: 28.4 किमी लंबे कैथलीघाट-ढली चरण का टेंडर फिर रद्द
हिमाचल में चुनावी वर्ष के दौरान फोरलेन का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में पड़ता नजर आ रहा है। कालका-शिमला फोरलेन के कैथलीघाट-ढली के हिस्से का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तीन सालों से निर्माण कार्य शुरू नहीं कर पाया है। 4 मई को एक बार फिर टेंडर रद्द हो गया। इससे पहले चार बार टेंडर रद्द हो चुके हैं। टेंडर बार-बार रद्द करने की वजह क्या है, इस बारे में एनएचएआई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कालका-शिमला फोरलेन ड्रीम प्रोजेक्ट था। लेकिन पिछले तीन सालों से कैथलीघाट-ढली के हिस्से का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। पहले भूमि अधिग्रहण के चलते काम लटका रहा। कालका से कैथलीघाट तक निर्माण कार्य करीब पूरा होने को है।
कैथलीघाट से ढली जंक्शन तक 28.4 किमी लंबे फोरलेन के हिस्से का कार्य दो पैकेजों में होगा। इस पर 3,716.26 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 8 अप्रैल को केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खुद ट्वीट कर फोरलेन के दूसरे पैकेज के फोरलेन निर्माण के लिए 1956.26 करोड़ बजट की स्वीकृति दी थी। लेकिन टेंडर प्रक्रिया बार-बार रद्द होने से प्रोजेक्ट निर्माण कार्य में ग्रहण लग गया। बताया जा रहा है कि कम आवेदन के चलते अब फिर टेंडर की समय अवधि बढ़ाई है। अब दोनों पैकेज के टेंडर 10 और 11 मई को खुलेंगे। प्रोजेक्ट निदेशक राम आसरा खुरल ने बताया कि कैथलीघाट-ढली फोरलेन हिस्से का फोरलेन निर्माण की टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
27 पुल, पांच टनल, होकर गुजरेंगे वाहन
कैथलीघाट से शकराल गांव तक फोरलेन सड़क की लंबाई 17 किलोमीटर 465 मीटर है। इसमें लगभग 1760 करोड़ रुपये की लागत से 20 पुल, दो टनल, एक अंडरपास, 53 कलवर्ट, एक प्रमुख जंक्शन, दो अल्प जंक्शन और एक टोल प्लाजा बनाया जाएगा। द्वितीय पैकेज में शकराला गांव से ढली जंक्शन तक फोरलेन सड़क की लंबाई 10 किलोमीटर 985 मीटर है। इसमें लगभग 1956.26 करोड़ रुपये की लागत से सात पुल, तीन टनल, 29 कलवर्ट, तीन प्रमुख जंक्शन और एक अल्प जंक्शन बनेगा।
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