कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार को धनतेरस के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन धन देवी लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने का विधान है। धन त्रयोदश के दिन प्रदोष काल यानि सूर्य अस्त और रात्रि की संधि के समय त्रिपुष्कर योग बन रहा है। ऐसे में प्रदोष काल शाम 6:38 बजे से 8:24 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने से शुभ फल प्राप्त होगा। इसके साथ ही धनतेरस पर बर्तन, सोना, चांदी, वाहन की खरीदारी करना शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार तांबे को श्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में तांबे का बर्तन खरीदकर घर लाना चाहिए।
मंगलवार को सुबह 10:32 बजे तक द्वादशी तिथि रहेगी
ज्योतिषाचार्य डॉ. मस्त राम शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुबह 10:32 बजे तक द्वादशी तिथि रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होगी जो बुधवार को दोपहर 1:16 बजे तक रहेगी। मंगलवार को ही धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। सुबह 10:32 बजे से 12:28 बजे तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त है। राहुकाल दोपहर 3:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। इस समय खरीदारी करना शुभ नहीं माना गया है। राधा- कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित उमेश चंद नौटियाल ने बताया कि मंगलवार को प्रदोष काल शाम 5:55 बजे से रात 08:21 बजे तक रहेगा। इस समय माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने का शुभ मुहूर्त है।
झाड़ू खरीदना भी शुभ
ज्योतिषाचार्य डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि त्रयोदशी तिथि मंगलवार सुबह 10:32 बजे शुरू होकर अगले दिन बुधवार को दोपहर 01:14 बजे तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त मंगलवार शाम 7:14 बजे से 8:51 बजे तक रहेगा। इस दिन पुराने टूटे- फूटे बर्तन घर से निकालकर नए बर्तन लाने का विधान है। तांबा श्रेष्ठ धातु माना गया है। ऐसे में तांबे के बर्तन खरीदना शुभ रहेगा। खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:32 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 2:51 बजे से शाम 4:14 बजे तक राहुकाल रहेगा। उन्होंने कहा कि धनतेरस पर झाडू की खरीदारी करना भी शुभ माना गया है। झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक