Third Eye Today News

कांग्रेस बताएं 1500 रुपए देवराणी को मिलेंगे या जेठाणी को : सतपाल सत्ती

Spread the love

पूर्व भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सत्ती ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार बताएं कि 1500 रुपए दराणी को मिलेंगे या जठाणी को। उन्होंने कहा कि सत्ता हथियाने के लिए कांग्रेस ने चुनाव के दौरान कहा कि घर की हर एक महिला को 1500 रुपए मिलेंगे। यदि घर में 4 महिलाएं है तो सभी को 6000 रुपए मिलेंगे। लेकिन सत्ता में आने के बाद अब सरकार अपनी दी हुई ग्रांटीयों से मुकर रही है। अब सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि घर की एक ही महिला को 1500 रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में सरकार को स्पष्ट कर देना चाहिए कि 1500 रुपए दराणी को मिलेंगे या जठाणी को। उन्होंने कहा कि यह सरकार परिवार को तोड़ने आई है और जनता को परेशान करने आई है। अब सरकार अपनी सभी ग्रांटीयों से मुकर रही है। सरकार ने सत्ता में आते ही पौने सात सौ संस्थान बंद कर दिए जिससे जनता परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्थान जनता की सुविधा के लिए सरकार खोलती है। संस्थान खोलने से पहले कहीं भी भवन नहीं बनते हैं। खुलने के बाद ही व्यवस्था होती है और जब संस्थान खुलते हैं तो सरकार ने उसके लिए बजट का प्रावधान रखा होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने संस्थान तो बंद किए ही साथ ही सरकार द्वारा गरीवों को शुरू की गई हिमकेयर योजना भी बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि अब अस्पतालों में इलाज करने के लिए जनता को पैसे नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्य के सभी रास्ते सरकार ने बंद कर दिए हैं। विधायक निधि पर भी रोक लगा दी है। ऐसे में यह सरकार जनविरोधी सरकार है।
सत्ती ने कहा कि जो पार्टी कहती थी कि सत्ता में आने के बाद कटोरा लेकर दिल्ली नहीं जाएंगे बल्कि अपने संसाधन जुटा कर सरकार चलाएंगे वोही सरकार अभी दो माह में ही 2500 करोड़ का कर्जा ले चुकी है और 1000 करोड़ और लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर दिन बुक्के लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं।

सीपीएस व ओएसडी बनाकर प्रदेश पर बढ़ाया आर्थिक बोझ
सत्ती ने कहा कि सीपीएस व ओएसडी को कैविनेट रैंक देकर प्रदेश में करोड़ों का आर्थिक बोझ बढ़ाया है। जनता के विकास के लिए सरकार के पास धन नहीं और सीपीएस व ओएसडी के अलावा कोठियों के रंग रोवन पर करोड़ों बहाए जा रहे हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक