बेशक सोलन नगर निगम में कांग्रेस ने अपना परचम लहरा दिया है लेकिन फिर भी उसमे सेंध लगाने की तैयारी हो रही है। हालांकि 13 अप्रैल को 11 बजे पार्षद नगर नगर निगम कार्यालय में शपथ लेंगे उसके बाद मेयर व डिप्टी मेयर चुने जाएंगे लेकिन उसके बाद उन पदों पर कौन काबिज होगा इसको लेकर जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है।
कांग्रेस 9 पार्षदों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर सामने आया है और भाजपा 7 सदस्यों के साथ दूसरे स्थान पर। एक निर्दलीय भी जीत के साथ नगर निगम में पहुंचा है वो भी भाजपा समर्थक है। पहले वो खुद और उसके बाद उनकी पत्नी भी भाजपा समर्थित उम्मीदवार पार्षद रह चुकी है। ऐसे मे अगर वो भाजपा को समर्थन दे देते है तो उनकी संख्या 8 हो जाती है। उसके बाद निगम में कब्जा करने के लिए उन्हे सिर्फ 1 पार्षद की जरूरत रह जाती है।
यहीं से खेल शुरू होता है निगम में कब्जा करने को लेकर। अगर कांग्रेस अपने सभी पार्षदों के एकजुट रख पाई तो दूसरे खेमे के हाथ निराशा लग सकती है अगर कामयाब हुई तो हारी बाजी को पलटने मे कामयाब हो गए तो सबसे बड़े बाजीगर बनकर सामने आएंगे।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के एक पार्षद को बड़ा पद देने की बात कही जा रही है। अगर एक पार्षद को अपने खेमे मे लाने में कामयाब हो गए तो कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा। क्रॉस वोटिंग के सहारे भी अपनी नैया पार लगाने को दूसरी पार्टी आतुर दिख रही है। लेकिन पार्टी सिंबल में चुनाव होने के कारण ये इतना आसान भी नहीं है। क्योकि कांग्रेस वोटिंग के लिए व्हिप जारी कर सकती है।
लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस में घुसपैठ की कोशिश शुरू हो चुकी है और अब कांग्रेस के लिए भी अपने सदस्यों को संभालना मुश्किल हो सकता है। बताया जा रहा कि कांग्रेस पार्टी को भी इसकी भनक लग चुकी है और उन्होने अपने कुछ पार्षदों को अंडर ग्राउंड कर दिया है।
सोलन नगर निगम के चुनाव बेशक खत्म हो चुके है लेकिन अभी भी शह-मात का खेल जारी है देखना है ऊंट अब किस ओर करवट लेता है।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक