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कांग्रेस का विधान भारत के लोगों को आपस में लड़ाने का है : सुखराम

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शिमला, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि भाजपा देश की जनता को यह स्पष्ट रूप से बताना चाहती है कि अब भारत विरोधी तथ्य सामने आ रहे हैं। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई की पत्नी का संबंध जॉर्ज सोरोस के संगठन के साथ नजर आता है। पाकिस्तान के दूतावास में उनकी बातचीत की फोटो व भारत में आकर भारतीय सेना, वायु सेना व अर्ध सैनिक बलों के विरुद्ध कटुतापूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया, उससे अब स्पष्ट हो गया है कि देश के ऊपर आघात करने का इनका एजेंडा बहुत साफ है। भारत विरोधी शक्तियों के लिए कांग्रेस, मोहब्बत की दुकान है, इसमें सोरोस के लिए भी मोहब्बत है और चीन से भी है।

कांग्रेस का विधान भारत के लोगों को आपस में लड़ाने का है। यह कहते हैं कि उत्तर और दक्षिण को लड़ाओ। कांग्रेस के कर्नाटक के वित्त मंत्री ने कहा था कि साउथ में टैक्स रेवेन्यू ज्यादा है, तो उसे देश से अलग करना चाहिए। इनके तेलंगाना और तमिल के मंत्रियों ने उत्तर प्रदेश और बिहार के विषय में जो बोला यह राज्यों को लड़ाने का प्रयास था, यह भाषाओं को आपस में लड़ाते हैं। तमिल और हिन्दी को व बिहारी और मराठी को लड़ाते हैं। भाषा, प्रांत क्षेत्र, जाति और अगड़े-पिछड़े में लड़ाने का कांग्रेस का एजेंडा बहुत साफ है।
सुखराम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस भारत विरोधियों के लिए मोहब्बत की दुकान है और भारत में भाषा, प्रांत, जाति व हर आधार पर लड़ाने के लिए इनके पास नफरत का सामान है।

राहुल गांधी ने जो बयान दिया था कि वो राज्य से लड़ना चाहते हैं, वह कोई अनायास निकला बयान नहीं था, बल्कि भारत की संप्रभुता के विरुद्ध एक सुविचारित, सुनियोजित योजना के अंग का प्रकटीकरण था। इसलिए भारतीय जनता पार्टी देश की जनता से स्पष्ट कहना चाहती है कि चीन की तरीफ से लेकर देश के लोगों को लड़ाने तक और भारतीय राज्य से लड़ने की बात के बाद अब कांग्रेस के पास बचाव के लिए कुछ भी नहीं बचा है। इस विषय पर कांग्रेस आकर अपनी स्पष्ट सफाई दे, लेकिन उनके पास अब सफाई का कोई आधार नहीं बचा है। यह दुखद है कि भारत के दलों का देश विरोधी शक्तियों को समर्थन देना राष्ट्र भक्तों को बहुत पीड़ा देता है और गंभीर प्रश्न उठाता है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक