कंडाघाट में अब नशा मुक्ति केंद्र नहीं अस्पताल ही बनेगा-शांडिल

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कंडाघाट में पचास बिस्तरों वाला पांच मंजिला अस्पताल को बनाने का कार्य एक बार फिर से शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि जल्द इसकाकंडाघाट में पचास बिस्तरों वाला पांच मंजिला अस्पताल को बनाने का कार्य एक बार फिर से शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि जल्द इसका काम शुरू हो जाएगा और वहां पर अस्पताल के अलावा किसी और का निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में प्रस्तावित नशा मुक्ति केंद्र का यहां निर्माण नहीं होगा और राजा वीरभद्र सिंह ने जो अस्पताल बनाने का सपना वहां संजोया था उसे वो हर हाल में पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां अस्पताल का कार्य शुरू होगा व नशा मुक्ति केंद्र की अधिसूचना को भी उन्होंने रद्द कर दिया है।
गौरतलब है कि पांच मंजिला अस्पताल को लगभग 27 करोड़ रुपए की लागत से तैयार करना था। अस्पताल को बनाने का ठेका यूनी ब्रो कंपनी को दिया गया था। 28 नवंबर 2015 को प्रदेश के 6 बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने कंडाघाट के पुराने अस्पताल की जगह पर पचास बिस्तरों वाला पांच मंजिला अस्पताल का शिलान्यास किया गया था। लेकिन जब भाजपा सत्ता में आई तो उन्होंने पुराने अस्पताल की बजाए कंडाघाट के मिनी सचिवालय के समीप अढ़ाई करोड़ रुपए की लागत से 15 बिस्तर वाला अस्पताल बनाया था।
कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध करती रही थी व पुराने कचहरी के पास अस्पताल बनाने की बात करती थी। पूर्व में मुख्यमंत्री ने 24 पंचायतों के लोगों के अनुरोध पर उस स्थान पर शिलान्यास कर काम भी शुरू करवा दिया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद अस्पताल की जगह भाजपा वहां नशा मुक्ति केंद्र खोलना चाहती थी। जिसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और एक बार 18 जून 2022 को अमित ठाकुर की अध्यक्षता में युवा कांग्रेस ने सदबुद्धि यज्ञ भी किया था। जिसमें उन्होंने भाजपा को वहां नशा मुक्ति केंद्र न खोलने की बात कही थी।
आज स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर से वहां अस्पताल खोलने की बात कर कांग्रेस नेताओं की उम्मीदों को पूरी करने की आस जगा दी है। कंडाघाट अस्पताल में 7 साल बाद दुबारा निर्माण शुरू होने के बाद अब देखना होगा कि आधा वनवास काट चुका इस अस्पताल का निर्माण कब तक पूरा होगा और कब ये जनता को समर्पित होगा। काम शुरू हो जाएगा और वहां पर अस्पताल के अलावा किसी और का निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में प्रस्तावित नशा मुक्ति केंद्र का यहां निर्माण नहीं होगा और राजा वीरभद्र सिंह ने जो अस्पताल बनाने का सपना वहां संजोया था उसे वो हर हाल में पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां अस्पताल का कार्य शुरू होगा व नशा मुक्ति केंद्र की अधिसूचना को भी उन्होंने रद्द कर दिया है।
गौरतलब है कि पांच मंजिला अस्पताल को लगभग 27 करोड़ रुपए की लागत से तैयार करना था। अस्पताल को बनाने का ठेका यूनी ब्रो कंपनी को दिया गया था। 28 नवंबर 2015 को प्रदेश के 6 बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने कंडाघाट के पुराने अस्पताल की जगह पर पचास बिस्तरों वाला पांच मंजिला अस्पताल का शिलान्यास किया गया था। लेकिन जब भाजपा सत्ता में आई तो उन्होंने पुराने अस्पताल की बजाए कंडाघाट के मिनी सचिवालय के समीप अढ़ाई करोड़ रुपए की लागत से 15 बिस्तर वाला अस्पताल बनाया था।
कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध करती रही थी व पुराने कचहरी के पास अस्पताल बनाने की बात करती थी। पूर्व में मुख्यमंत्री ने 24 पंचायतों के लोगों के अनुरोध पर उस स्थान पर शिलान्यास कर काम भी शुरू करवा दिया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद अस्पताल की जगह भाजपा वहां नशा मुक्ति केंद्र खोलना चाहती थी। जिसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और एक बार 18 जून 2022 को अमित ठाकुर की अध्यक्षता में युवा कांग्रेस ने सदबुद्धि यज्ञ भी किया था। जिसमें उन्होंने भाजपा को वहां नशा मुक्ति केंद्र न खोलने की बात कही थी।


आज स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर से वहां अस्पताल खोलने की बात कर कांग्रेस नेताओं की उम्मीदों को पूरी करने की आस जगा दी है। कंडाघाट अस्पताल में 7 साल बाद दुबारा निर्माण शुरू होने के बाद अब देखना होगा कि आधा वनवास काट चुका इस अस्पताल का निर्माण कब तक पूरा होगा और कब ये जनता को समर्पित होगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक