ऐतिहासिक कांगड़ा टनल का नया स्वरूप शनिवार को हो जाएगा थ्रू ब्रेक

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ऐतिहासिक कांगड़ा टनल का कांगड़ा-शिमला फोरलेन पर बन रहा नया स्वरूप शनिवार को ब्रेक थ्रू हो जाएगा। सुरंग के दोनों छोर मिलने के बाद कार्य और गति पकड़ेगा और दिसंबर माह तक इसे पूरा करके वाहनों के लिए शुरू किया जाएगा। यह सुरंग करीब एक किलोमीटर 260 मीटर लंबी बनाई जा रही है, जिसमें करीब 1600 मीट्रिक टन स्टील लगाई गई है। फोरलेन पर बन रही इस डबल सुरंग में न्यू ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी मेथड का प्रयोग किया है, जिसमें एक विशेष अमरेला बनाकर अंदर कोई दुर्घटना न हो ऐसी स्पोर्ट और आधुनिक सिस्टम अपनाया गया है।

तेज गति से चल रहे इस कार्य को दिसंबर में पूरा कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। कांगड़ा बाइपास सुरंग निर्माण एक मील का पत्थर है। शनिवार को सुरंग के दोनों छोर का मिलना इस महत्त्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजना में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। कांगड़ा जिला के दौलतपुर के निकट बन रही बाइपास टनल का क्षेत्र के लोगों को भी बेसब्री से इंतजार है। इस सुरंग का नाम कांगड़ा ट्विन ट्यूब सुरंग रखा गया है, जिसकी लंबाई 1260 मीटर है।

समय कम कर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर

कांगड़ा सुरंग क्षेत्र की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे परिवहन व्यवस्था में सुधार, भीड़भाड़ कम करने, समय कम कर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। शनिवार को ब्रेक थू्र होने वाले टनल समारोह में सरकारी अधिकारियों, इंजीनियरों और निर्माण से जुड़े प्रतिनिधियों सहित प्रमुख परियोजना हितधारक शामिल होंगे। इस सुरंग का निर्माण एम/एस गाबर कांगड़ा हाई-वे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। समारोह में विशेष अतिथि के रूप में एनएचएआई के परियोजना निदेशक एसएच विक्रम सिंह मीना और आरओ शिमला अब्दुल बासित विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

कांगड़ा ट्विन ट्यूब सुरंग में यह सब होगा खास

आधुनिक प्रणाली से बन रही उच्च क्षमता वाली टनल में हाई टेक्नोलाजी वाले पंखे, वायु नलिकाएं और वेंटिलेशन शाफ्ट, एलईडी या फ्लोरोसेंट रोशनी, आपातकालीन प्रकाश व्यवस्था और नियंत्रण प्रणाली स्थापित की गई है। इसके अलावा स्मोक डिटेक्टर, फायर अलार्म, स्प्रिंकलर सिस्टम, अग्निशमक यंत्र और आपातकालीन निकास, ट्रैफिक सिग्नल, परिवर्तनीय संदेश संकेत, स्वचालित टोल सिस्टम और लेन नियंत्रण सिस्टम, पंपिंग स्टेशन, जल निकासी पाइप और बैकअप जनरेटर, यूपीएस सहित तमाम सारी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक