एन.सी.सी. का उद्देश्य युवाओं को एकता और अनुशासन सिखाना – डॉ. शांडिल

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि एन.सी.सी. (नेशनल कैडेट कोर) का उद्देश्य युवाओं को एकता और अनुशासन सिखाना है। डॉ. शांडिल गत सायं डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में एन.सी.सी. के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. शांडिल ने कहा कि युवा देश का भविष्य है और युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना आवश्यक है। एन.सी.सी. से जहां युवाओं में चरित्र, अनुशासन, भाईचारा बढ़़ेगा वहीं निस्वार्थ सेवाओं के आदर्श तथा साहसिक भावना विकसित होगी।

   

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि एन.सी.सी. का विषय सभी संस्थानों में अनिवार्य विषय के रूप में होना चाहिए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एन.सी.सी. के कैडेट्स आपदा से निपटने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं और कैडेट को अन्य प्रकार की आपदाओं से निपटने के गुर सिखाए जाते हैं ताकि समय पर लोगों तक सहायता पहुंच सके।
उन्होंने प्रथम हिमाचल प्रदेश गर्ल्स बटालियन एन.सी.सी. सोलन द्वारा आयोजित शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अपनी ऐच्छिक निधि से 75 हजार रुपए देने की घोषणा की।
इस अवसर पर 10 दिवसीय एनसीसी के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश के आठ जिलों की 685 गर्ल्स कैडेट्स ने भाग लिया। एनसीसी के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष संजीव ठाकुर, संधीरा दुल्टा, ग्राम पंचायत नौणी के प्रधान मदन हिमाचली, उपमण्डलाधिकारी (ना.) सोलन डॉ. पूनम बसंल, डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल, कमांडिंग ऑफिसर प्रथम हिमाचल प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी सोलन कर्नल संजय शांडिल सहित विभिन्न स्कूलों व महाविद्यालयों के अध्यापकगण, छात्राएं तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित इस अवसर पर थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक