
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में हिमाचल के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई है। उधर, बुधवार को मामले को लेकर मंत्री अनिरुद्ध सिंह से शिमला में पत्रकार वार्ता कर एनएचएआई पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एनएच के निर्माण कार्यों में कटिंग के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए। अनिरुद्ध ने कहा कि नेशनल हाईवे बनाने के नाम पर बहुत बड़ी धांधली हो रही है। ठेकेदारों और एनएचएआई के अधिकारियों का एक नेक्सस है। । शिमला से कालका फोरलेन में करोड़ों का घपला हुआ है। कहा कि शिमला में 500 शिकायतें दर्ज हुई हैं। लोग फोरलेन में मर रहे हैं। शिमला से शोधी के बीच कटिंग से दर्जनों घर गिरे हैं। कहा कि जब भवन गिरा, अधिकारी मीटिंग ले रहे थे। एक्शन कुछ नहीं हुआ। फाइलों में इधर-उधर बातों को घुमाया जाता है। एनएचईआई अधिकारियों ने जनता के साथ अभद्र व्यवहार किया। कहा कि मारपीट के आरोप लगाने वाले अधिकारियों ने साजिश रची। आरोप लगाने वाले अधिकारी अस्पताल में दाखिल नहीं हुए हैं। केंद्रीय मंत्री को दिल्ली में बैठकर हालत का पता नहीं है। इस मामले में वह नितिन गडकरी से खुद मुलाकात करेंगे।
बोले- एफआईआर तथ्यहीन, मारपीट के आरोप गलत
उन्होंने कहा कि परवाणू से लेकर ढली तक एनएच बना है। इसमें कितने लोग मरे हैं। ये सिर्फ मुआवजा देने की बात करते हैं। वह यह पूछना चाहते हैं कि मुआवजा कितने लोगों को मिला है। एनएचआई के खिलाफ ढेरों शिकायतें पड़ी हैं। परसों अधिकारी आपदा प्रबंधन की बैठक ले रहे थे। बैठक से क्या होगा। 20 साल हो गए हैं। कहा कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर तथ्यहीन है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वह सभी आरोपों से इन्कार करते हैं। मारपीट के आरोप गलत हैं। इसका न तो कोई फोटो है और न ही कोई सबूत हैं। सोलन में एफआईआर हुई है। उनके ऊपर एक्शन लिया गया। अनिरुद्ध ने कहा कि हम विकास के खिलाफ नहीं हैं। हम उन अधिकारियों के खिलाफ हैं, जो घटिया डंगे लगा रहे हैं जो ठेकेदारों से मिलकर गलत कर रहे हैं। अनिरूद्ध ने कहा कि कहा कि उन पर जो मामला बनाया गया है, उसका पूरी मजबूती से सामना करेंगे। नियमों के विपरित फोरलेन निर्माण के लिए एनएचएआई 30 मीटर भीतर तक चला गया। एनएचएआई के अधिकारी देश में सबसे भ्रष्ट हैं। ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सीएम से इस मामले में मुझे तलब किया है।
बता दें, एनएचएआई शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत पर ढली पुलिस थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को भट्ठाकुफर की माठू कॉलोनी में पांच मंजिला इमारत के जमींदोज होने के बाद पंचायती राज मंत्री प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचे थे। आरोप है कि मंत्री समेत कुछ लोगों ने एनएचएआई के दो अफसरों से कमरे में ले जाकर मारपीट की। लहूलुहान अधिकारी मौके से जान बचाकर भागे और खुद अपनी गाड़ी से उपचार करवाने आईजीएमसी पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मारपीट करने का आरोप है।
दिल्ली में इंजीनियरों ने किया प्रदर्शन
उधर, एनएचएआई के अधिकारी से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मामले पर सख्त हो गए हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बात की और जिम्मेवार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। सीएम सुक्खू से बातचीत करने की जानकारी गडकरी ने खुद एक्स पर पोस्ट डालकर दी। इधर, दिल्ली में एनएचएआई मुख्यालय के बाहर अधिकारियों और इंजीनियरों ने जस्टिस फॉर अचल के बैनर लेकर प्रदर्शन करते हुए पूरी घटना पर रोष व्यक्त किया। गडकरी ने मुख्यमंत्री सुक्खू को भी इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है। गडकरी ने सीएम को पत्र में इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की बात करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार की ओर से इसमें गंभीरता नहीं बरती गई तो वर्तमान में चल रही और भविष्य की योजनाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए तत्पर होना पड़ेगा। गडकरी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और उनके सहयोगियों की ओर से एनएचएआई शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल पर किया गया हमला अत्यंत निंदनीय है और कानून का अपमान है। अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन कर रहे एक लोक सेवक पर इस तरह का क्रूर हमला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि संस्थागत अखंडता को भी नष्ट करता है। मंत्री गडकरी ने लिखा कि उन्होंने मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बात की है। उन्होंने सभी दोषियों के खिलाफ तत्काल और अनुकरणीय कार्रवाई करने का आग्रह किया है। जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए और बिना देरी के न्याय मिलना चाहिए।
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