एटक ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन, मजदूरों के लिए उठाई ये मांग
केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आवाह्न पर सोलन में एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश चंद्र भारद्वाज की अगुवाई में डीसी सोलन के सी चमन के जरिये पप्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। जिसमें उन्होंने कहा कि देश का मजदूर वर्ग कोरोना महामारी के कारण भारी मुसीबत में है। इस दौरान 14 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई है। कारखानों में गैर कानूनी तरीके से छंटनी हो रही है। बहुत से कारखानों में मजदूरों को अप्रैल, मई और जून 2020 का वेतन नही दिया गया है। लोग भूख से तड़प कर लगभग 900 मजदूरों की जान चली गई है।

जगदीश चन्द्र भारद्वाज ने कहा कि इन दिनों नियाजक वर्ग और केंद्र और प्रदेश की सरकार श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव करने में व्यस्त है,जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि लाचार मजदूर पर सरकार द्वारा पूंजी पतियों के साथ मिलकर उनके अधिकारों पर हमला किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आठ घण्टो के बजाए बारह घंटे काम लेना, मनरेगा मजदूरों को काम न देना। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियनों से किसी प्रकार की बातचीत करना जरूरी नही समझ रही है,ऐसा लग रहा है कि सबकुछ पूंजीपतियों, उद्योगपतियों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश की तमाम जनता एक तरफ महामारी के खतरे से त्रस्त है,वहीं दूसरी ओर इस महामारी से उतपन्न आर्थिक व सामाजिक संकट में सुख चैन छीन लिया है। उन्होंने कहा कि इस दौर में मजदूर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों उद्योगपतियों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए मजदूरों के पिछले 100 वर्षों से प्राप्त किये अधिकारों को छीना जा रहा है। जिसे मजदूर वर्ग व केंद्रीय ट्रेड यूनियन किसी भी हालत में मानने को तैयार नही है।



