एच०डी०पब्लिक स्कूल जनेडघाट के छात्रों ने किया शैक्षणिक -भ्रमण”

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“एच०डी० पब्लिक स्कूल जनेडघाट द्वारा दो दिवसीय शैक्षणिक- भ्रमण का किया गया आयोजन”
एच०डी० पब्लिक स्कूल जनेडघाट द्वारा शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया, जिसमें कि कक्षा छठी से कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थी इस शैक्षणिक -भ्रमण का हिस्सा बने । छात्र-छात्राओं के दल को दो दिवस के शैक्षणिक- भ्रमण के लिए स्वर्ण मंदिर (अमृतसर) जलियांवाला बाग , वाघा बॉर्डर( अटारी बॉर्डर) तथा साइंस सिटी (कपूरथला) जालंधर ले जाया गया । विद्यालय के सभी विद्यार्थी इस शैक्षणिक भ्रमण को लेकर काफी उत्साहित तथा जिज्ञासु दिखें। विद्यार्थियों ने इस सांस्कृतिक धरोहर से जुड़कर ज्ञान में वृद्धि तथा प्राकृतिक और मानवीय कलाकृतियों की सुंदरता से रुबरु होकर काफी आनंद उठाया ।शैक्षिक भ्रमण भी एक पाठ्यक्रम का ही हिस्सा है ,जहां पर छात्र खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते हैं । शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से छात्रों में एक अनुभूति जागृत होती है जिससे वह भारत की विभिन्नताओं जैसे- इतिहास, विज्ञान ,शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान सके । इसके अतिरिक्त छात्रों में समूह में रहने की प्रवृत्ति ,नायक बनने की क्षमता तथा आत्मविश्वास एवं भाईचारे की भावना प्रबल होती है

                                          

शैक्षिक- भ्रमण विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण ही है यह भ्रमण विद्यार्थियों के अपने और दूसरों के अनुभव से सीखने का एक अच्छा अवसर देते हैं जब विद्यार्थी शैक्षिक -भ्रमण पर जाते हैं तो वह अपनी आंखों से प्रत्यक्ष रूप से देखकर किसी भी विषय- वस्तु का वर्णन करने में सक्षम हो जाते हैं उनके भ्रम और मिथ्या धारणाएं दूर हो जाती है
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री प्रदीप सिंह ने विद्यार्थियों द्वारा दिए गए शैक्षणिक भ्रमण के ऊपर प्रतिक्रिया ( feedback)‌ को आधार बनाकर के अपने विचार साझा करते हुए कहा- कि शैक्षिक भ्रमण का शिक्षा के क्षेत्र में विशेष महत्व है शैक्षिक भ्रमण से हम प्रकृति की सुंदरता से रूबरू होते हैं मानव की सुंदर कलाकृतियों से परिचित होते हैं साथ ही साथ कुदरत की कुछ रहस्यों से भी परिचित होते हैं जिससे की हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक