उपप्रधान समेत 15 लोगों के समूह ने एक साल में बेची आठ क्विंटल तुलसी
कोरोना काल में प्राइवेट नौकरी छूटने के बाद परिवार का पालन पोषण करने के लिए लोगों का रुझान खेती की तरफ बढ़ा है। जिले के रानीकोटला के नजदीक डोभा क्षेत्र के कई लोग पिछले 2 साल से इस दिशा में कार्य करते हुए आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं। पंचायत के उपप्रधान रणजीत कुमार के साथ गांव के 15 लोगों का समूह औषधीय पौधों की खेती कर रहा है। पिछले वर्ष यहां के किसानों ने आठ क्विंटल तुलसी का उत्पादन किया।

तुलसी के पंचाग (जड़, तना, पत्ते, बीज, फूल) का दाम 70 से 100 रुपये किलोग्राम किसानों को मिला है। इसके साथ ही यहां के किसान अश्वगंधा की खेती भी कर रहे हैं। इस समूह में सरकारी प्रवक्ता देवेंद्र भी जुड़े हैं। उन्हें जब भी समय मिलता है वो इस समूह के साथ काम करते हैं। रणजीत, हरि राम, बंगालू राम, सुंदर लाल, श्रवण, धर्म पाल, रत्न लाल, बाबूराम, सलिंद्र कुमार, अनिल, प्रदीप, प्रेम लाल तुलसी और अश्वगंधा की खेती कर रहे हैं।

इसके अलावा घुमारवीं उपमंडल के कसोहल गांव के बचित्र सिंह चौहान जो निजी स्कूल में अध्यापक थे। उन्होंने वह नौकरी छोड़ प्राकृतिक और जड़ी-बूटियों की खेती शुरू कर दी। औषधीय पादप बोर्ड के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक ठाकुर नोडल अधिकारी ने बताया कि जिले के किसान औषधीय खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। विभाग भी लगातार इस प्रकार की खेती करने की जानकारी किसानों को देता रहा है।


