ई-केवाईसी करवाने के लिए अब पांच साल तक के बच्चों को छूट,

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अब हिमाचल प्रदेश में पांच साल आयु से कम उपभोक्ताओं और बच्चों को खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से ई-केवाईसी करवाने के लिए छूट दी जा रही है। हिमाचल में ई-केवाईसी करवाने का काम अब जोरों से चल रहा है। वहीं प्रदेश के अब उपभोक्ताओं को पांच से कम बच्चों को ई-केवाईसी करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ई-केवाईसी करने के लिए आधार कार्ड का अपडेट होना जरूरी है, पांच साल तक बच्चों के आधार कार्ड अपडेट न होने के चलते कुछ उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। इसके चलते विभाग ने अब उपभोक्ताओं को बच्चों की ई-केवाईसी न होने पर छूट देना शुरू कर दी है।हाल ही में खाद्य आपूर्ति विभाग ने प्रदेशभर में दो लाख के करीब राशन कार्डों की ई-केवाईसी न होने से चलते ब्लॉक कर दिए गए थे। इसके बाद अब ई-केवाईसी करवाने वाले उपभोक्ताओं को राशन कार्डाें को अनब्लॉक करने के प्रक्रिया चलाई जा रही है। उपभोक्ताओं का राहत देने के लिए और आसानी से ई-केवाईसी करवाने के लिए विभाग की ओर से एप भी लॉन्च किया गया है। कार्ड ब्लॉक होने के बाद कांगड़ा में अब तक 85 प्रतिशत ई-केवाईसी पूरी हुई है और अब भी राशन कार्डों को अनब्लॉक करने का कार्य चल रहा है

अब प्रदेश में पांच साल से कम बच्चों के आधार अपडेट न होने के कारण ई-केवाईसी करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते किसी किसी बच्चे की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। विभाग की ओर से उन बच्चों को ई-केवाईसी के लिए छूट दी जा रही है। -पुरषोत्तम सिंह, जिला नियंत्रक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग कांगड़ा-चंबा, स्थित धर्मशाला।

एप से ऐसे करें ई-केवाईसी

राशन कार्ड उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी करने के लिए प्ले स्टोर में जाकर ई-केवाईसी पीडीएसएचपी एप को डाउनलोड करना होगा, इसके बाद एप पर राशन कार्ड नंबर और अपना आधार कार्ड या जिसकी ई-केवाईसी करनी होगी, उनका आधार कार्ड नंबर डालना होगा। फेस रीडिंग के दौरान उपभोक्ता को तीन बार अपनी आंखें झपकानी होंगी फिर एप फेस रीड कर ई-केवाईसी कर देगा। उपभोक्ता एक मोबाइल के माध्यम से कितने भी नंबर डालकर एक से अधिक ई-केवाईसी कर सकते हैं, उन्हें केवल आधार कार्ड बदलना होगा। जिसके चलते उपभोक्ता घर बैठे ही ई-केवाईसी पीडीएसएचपी एप के माध्यम से ई-केवाईसी कर सकते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक