इफ्को अध्यक्ष बोले- प्रदेश के किसानों को जल्द मिलेगी नैनो यूरिया
इफ्को नैनो यूरिया की 500 मिली लीटर की एक बोतल किसान अपने खेतों तक आसानी से ले जा सकते हैं। नैनो यूरिया (तरल) पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों में पर्यावरण को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित होगा।
इफ्को के अध्यक्ष बीएस नकई ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के किसानों के लिए नैनो यूरिया की खेप रवाना कर दी है। पहले चरण में हिमाचल के लिए 15 हजार बोतल भेजी जा रही हैं। यह किसानों को शीघ्र उपलब्ध करा दी जाएंगी। इससे रसायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी आएगी। सरकार को भी सब्सिडी बोझ से 35 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। इफ्को के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया पर्यावरण हितैषी होने के साथ फसलों के लिए काफी असरदार है।
पैदावार की दृष्टि से नैनो यूरिया की आधे लीटर की एक बोतल पारंपरिक यूरिया के एक बैग के बराबर है। कई फसलों पर इसका परीक्षण किया गया है। परिणामों में देखा गया कि फसलों की उपज के साथ उनके पोषण की गुणवत्ता बढ़ाने में भी नैनो यूरिया लाभकारी है। इफ्को नैनो यूरिया की 500 मिली लीटर की एक बोतल अपने खेतों तक आसानी से ले जा सकते हैं। कहा कि नैनो यूरिया (तरल) पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों में पर्यावरण को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित होगा। पहले चरण में वर्ष 2021-22 के दौरान इफ्को की गुजरात स्थित कलोल इकाई और उत्तर प्रदेश की आंवला और फूलपुर इकाई में भी नैनो यूरिया
संयंत्रों का निर्माण चल रहा है। इन संयंत्रों में 500 मिली लीटर की नैनो यूरिया की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता 14 करोड़ बोतल होगी। जो बाद में बढ़कर 18 करोड़ बोतल हो जाएगी। कलोल संयंत्र प्रतिदिन 15000 बोतल नैनो यूरिया के साथ एक ट्रक भेज रहा है और जल्द ही संयंत्र हर दिन 10 ट्रक भेजे हैं। दूसरे चरण में वर्ष 2022.23 तक चार और संयंत्र चालू हो जाएंगे। इस प्रकार नैनो यूरिया की अतिरिक्त 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन होगा।