आर्थिक बंदिशों के बीच सबका ख्याल… पर्यटन के पंख पर विकास की उड़ान
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को वर्ष 2025-26 के लिए 58 हजार 514 करोड़ का बजट पेश किया। सुक्खू सरकार ने बजट में आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास किया है। पढ़ें पूरा विश्लेषण वित्त मंत्री के रूप में अपना तीसरा बजट पेश करते हुए सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले कई दशकों में साल 2025-26 सबसे चुनौतीपूर्ण होगा। कठिन आर्थिक हालात में सबका ख्याल रखते हुए सुक्खू सरकार ने बजट में आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास किया है, लेकिन कई बंदिशों व मदद के लिए केंद्र की मुट्ठी बंद होने से हिमाचल के बजट में विकास का हिस्सा घट गया है।
बेशक, सरकार के अपने राजस्व में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन राजकोषीय घाटा 10,338 करोड़ अनुमानित होने के कारण प्रतिपूर्ति के लिए सरकार को इतना ही कर्ज लेना पड़ सकता है। ऐसे में साल 2025-26 में हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ के पार जा सकता है। उधर, हिमाचल के बजट में विकास का हिस्सा भी साल दर साल कम हो रहा है। वर्ष 2023-24 के बजट में सौ रुपये में से 29 रुपये विकास के लिए रखे गए थे, जो साल 2024-25 में 28 रुपये रह गए और साल 2025-26 में पूंजीगत कार्यों सहित अन्य विकासात्मक गतिविधियों के लिए महज 24 रुपये बचेंगे। आर्थिक सेहत और रोजगार के मद्देनजर सरकार ने धार्मिक, एडवेंचर और हेल्थ टूरिज्म बढ़ाने पर फोकस किया है। नए पर्यटन स्थल विकसित करने के साथ सीएम पर्यटन स्टार्ट अप योजना का बजट में एलान हुआ है। पांच सितारा स्तर के नेचुरल केयर वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। चाय बागानों को पर्यटन से जोड़ा जाएगा। ईको टूरिज्म से 200 करोड़ रुपये अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। तीसरे बजट में सुक्खू सरकार ने देहात की ओर रुख किया है।