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* आरटीआई को ऑनलाइन भाजपा सरकार ने किया : सुरेश कश्यप

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शिमला, भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा, “सूचना के अधिकार (आरटीआई) की अपीलों का लगभग शत-प्रतिशत निपटारा हो रहा है, तथा लंबित मामलों की संख्या में हर साल कमी आ रही है।”
उन्होंने कहा कि आरटीआई अपीलों की लंबित संख्या 2019-20 में 35718 अपीलों से घटकर 2021-22 में 29213 अपील रह गई है, जो 2023-24 में 23087 अपीलों और 2024-25 में 22666 अपीलों तक कम हो गई है, जो उल्लेखनीय है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और नागरिक केंद्रित शासन के लिए उनके समर्थन का आयोग को आश्वासन देते हुए सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण सरकार के कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन लाना है।
उन्होंने कहा कि सीआईसी को 2014 के बाद अपना स्वतंत्र कार्यालय परिसर मिला, जब नई सरकार आई, इससे पहले सीआईसी को किराए की इमारत से संचालित किया जाता था। सीआईसी में पहुंचने वाली दूसरी अपीलों में से लगभग 17000 अपीलों का हर साल निपटारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि जो सरकार इतने बड़े विभाग को एक दफ्तर नहीं दे सकती वह आज जनता को आरटीआई के बारे में नसीहत देकर एक बार फिर गुमराह करने का काम कर रही है।
सूचना आयोग ने नोडल अधिकारियों, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारियों (सीपीआईओ) और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम को बड़ी प्रतिक्रिया मिली और सूचना अधिकारियों द्वारा उत्तर का मसौदा तैयार करने और नियमों व अधिनियमों के अनुसार सूचना प्रदान करने पर उच्च भागीदारी और क्षमता निर्माण के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
सुरेश कश्यप ने कहा कि 2007 से 2014 तक यानी यूपीए के 7 वर्षों के शासन में अनुपालन दर लगभग 77% रही, जबकि वर्तमान सरकार के पिछले 7 वर्षों में यह दर लगभग 94% रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए के 7 वर्षों के शासन में निपटान दर 81.79% (1,32,406) थी, जबकि वर्तमान सरकार के 7 वर्षों में यह दर 92% (1,60,643) है। उन्होंने कहा कि अगर आरटीआई को ऑनलाइन किया तो वह भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक