आत्महत्या की रोकथाम के लिए , हिमाचल का पहला हेल्पलाइन नंबर जारी

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155326 पर दे सकते हैं  मानसिक रूप से बीमार लोगों की जानकारी
यदि आपको लगता है कि आपके आसपास कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है और वो आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है तो आप उस व्यक्ति को ऐसा कदम उठाने से रोक सकते हैं। ऐसे लोगों की जानकारी देने के लिए मंडी जिला पुलिस ने 155326 हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है। मंडी जिला पुलिस इस तरह का हेल्पलाइन नम्बर जारी करने वाली प्रदेश की पहली जिला पुलिस बन गई है।

      एसपी मंडी सौम्या सांबशिवन ने इस हेल्पलाइन नम्बर को जारी करते हुए इस सेवा को शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग किन्ही कारणों से परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर देते हैं। आत्महत्या के इन मामलों में सबसे अधिक 18 से 30 वर्ष के युवा हैं।

एसपी मंडी ने बताया कि सर्च में पाया गया है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं, जिसका एक प्रमुख कारण रिलेशनशिप है। आधुनिकता के इस दौर में लोग इंटरनेट व सोशल सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं, जिस कारण आत्महत्या की घटनाओं में बढ़ावा हो रहा है। वहीं समाज में अन्य दूसरे कारण भी हैं जो आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए लोगों को मजबूर कर देते हैं।

        वहीं, एसपी मंडी ने बताया कि पिछले 3 सालों में मंडी जिला में 300 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं। वर्ष 2021 में 113, वर्ष 2022 में 112 व वर्ष 2023 में अभी तक 90 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। आसपास के लोगों को ऐसे लोगों की मनोदशा की जानकारी होती है, लेकिन वे उन्हें रोक नहीं पाते, क्योंकि इसके लिए कोई प्रॉपर मैकेनिज्म नहीं है। इसलिए अब हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया है, ताकि लोग खुलकर इसकी जानकारी दें और किसी की जान को बचाया जा सके।

       एसपी ने कहा कि जिसके बारे में जानकारी दी जाएगी, उसके पास सम्बंधित थाना की पुलिस टीम जाएगी और उसकी प्रॉपर काउंसलिंग करेगी और उसे मोटिवेट करने का प्रयास करेगी। सही जानकारी देने वाले को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों की काउंसलिंग के लिए जोनल अस्पताल मंडी के मनोचिकित्सकों की भी मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला पुलिस का प्रयास है कि जिला में आत्महत्या की घटनाओं को रोका जा कसे और यह कार्य तभी सम्भव है जब लोग इसमें अपनी सहभागिता निभाएंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक