आखिर क्या है तरसेम भारती का पूरा मामला, जिस पर उन्हे हुई सश्रम 18 महीने की सजा व 5000 रुपए जुर्माना और किस धारा में हुई कितनी सजा ये भी जानिए

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तरसेम भारती व पोर्कलैंड ऑपरेटर हेमरज को न सिर्फ 18 माह की सजा हुई है बल्कि 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही सश्रम सजा भी सुनाई गई है।

किस धारा मे कितना लगा जुर्माना ओर कितनी हुई सजा

धारा 336 मे दो माह का कठोर कारावास व 250रु जुर्माना

धारा 337 मे 6 माह  का कठोर कारावास व 550रु जुर्माना नगद

धारा 338 मे 6 माह का कठोर कारावास व 1000रु जुर्माना नगद

धारा 304A मे 18 माह का कठोर कारावास व 5000रु जुर्माना नगद

क्या होता है सश्रम या कठोर कारावास

इसका मतलब है कि किसी मामले में दोषी पाए गए शख्स को कारावास की सजा के दौरान कठिन परिश्रम वाला काम दिया जाता है। अमूमन जेल में रहने वाले विचाराधीन कैदी अपने छोटे मोटे काम खुद करते हैं। लेकिन सजायाफ्ता कैदियों को सजा के दौरान अदालत के निर्देश पर अलग-अलग तरह के काम जेल प्रबंधन की तरफ से दिया जाता है। जिसमें साफ सफाई का काम, माली का काम, रंग रोगन का काम, बढ़ईगिरी, पत्थर तोड़ने का काम, किचन का काम, वेल्डिंग और पेंटर जैसे काम शामिल होते हैं. सश्रम या कठोर कारावास पाए लोगों से जेल प्रबंधन कड़ी मेहनत कराता है। उन्हें मुश्किल से मुश्किल काम दिए जाते हैं. जिन्हें तय वक्त में कैदी को पूरा करना होता है। उस काम के लिए उस कैदी को जेल द्वारा मेहनताना भी प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है।

क्या है पूरा मामला

घटना 15 अक्तूबर 2014 की है जब कंडाघाट उपमंडल के अंतर्गत कशमाड़ी गांव में महिला के अंतिम संस्कार में एकत्र हुए लोगों पर पहाड़ी की खोदाई से पत्थर गिरने से हादसा हुआ था। इस मामले में हुए हादसे के संबंध में पुलिस ने शुक्रवार 17 अक्तूबर 2014 को भाजपा नेता तरसेम भारती को कंडाघाट थाने तलब किया। इस मामले में पोकलैंड मशीन का ऑपरेटर फरार हो गया था लेकिन एक दिन बाद ही वो भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया था।

बुधवार सुबह जब कशमाड़ी गांव की बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए लोग वाकनाघाट-ममलीग मार्ग के नीचे नाले में चिता की तैयार कर रहे थे। अचानक ही पहाड़ी से कई चट्टानें व पत्थर नीचे आ गिरे, जिससे अपनी दादी के अंतिम संस्कार में आए 19 वर्षीय नीतिश के अलावा क्वारग के बुजुर्ग परमानंद की पत्थरों से दबकर मौत हो गई थी। आरोप लगाया गया कि सड़क पर अवैध तौर से खनन हो रहा था। पत्थर निकालकर समीप ही एक नेता के स्टोन क्रशर में ले जाया जा रहा था।

उस समय ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि घटना के बाद खोदाई कर रही पोक मशीन का चालक व अन्य फरार हो गए थे, जबकि मशीन के मालिक व सारे कार्य के ठेकेदार भी सामने नहीं आए।  दरअसल जब कुछ ग्रामीण दाह संस्कार में शामिल होने के लिए वाकनघाट के समीप हालडु नाला क्रिमिनेशन ग्राउंड जा रहे थे। जब वो तरसेम भारती के स्टोन क्रेशर के नीचे से गुजर रहे थे तो ऊपर से कुछ पत्थर नीचे आने शुरू हुए। ग्रामीणों ने पोर्क लैंड मशीन में काम कर रहे ऑपरेटर हेमराज को काम बंद करने को कहा। लेकिन उसने काम बंद नही किया और काम करता रहा। जिस कारण बड़े-बड़े पत्थर नीचे की और गिर गए। जिससे ग्रामीणों ने अफरा-तफरी का माहौल हो गया। भगदड़ में 2 लोगों की जान चली गई व 2 लोग घायल हो गए। जिसपर पुलिस ने चालक हेमराज व तरसेम भारती पर 304A, 336 , 337 ,338 आईपीसी की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। 

भाजपा से टिकट के उम्मीदवार तरसेम भारती पर आज कंडाघाट कोर्ट में उनके भविष्य को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद उनका अगला कदम क्या होगा उस पर भी सबकी नजर रहेगी। माननीय कोर्ट के फैंसले पर सभी की नजर टिकी हुई थी क्योंकि फैंसले के बाद उनके राजनीतिक भविष्य का भी फैंसला होना था।

फैंसला अब आ चुका है और उन्हे 18 माह की सजा हुई है। इसके बाद अव वो सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते है।

मामला दरअसल ये है कि 8 वर्ष की कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आज तरसेम भारती की किस्मत का फैंसला आया है। जहां उन्हे 18 माह की सजा सुनाई गई है। कंडाघाट की ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास में डॉ पुष्पलता ने उनके इस मुकद्दमे पर अपना फैंसला सुनाया ।

सरकार की ओर से मामले की पैरवी सहयक जिला न्यायवादी कंडाघाट प्रशांत सिंह नेगी ने की.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक