आईजीएमसी में तीन मरीजों को बचाने के लिए निकालनी पड़ी एक-एक आंख

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आईजीएमसी शिमला से दाखिल ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को अब तक तीन मरीजों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा नहीं करने से मरीजों की हालत और गंभीर हो सकती थी। इसके अलावा अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित एक मरीज की गंभीर हालत होने के चलते उसे वेंटिलेटर पर दाखिल किया गया है।

यह मरीज लगातार चिकित्सकों की निगरानी में उपचाराधीन है। आईजीएमसी में मौजूदा समय में ब्लैक फंगस से पीड़ित 10 मरीज भर्ती हैं। इनमें हमीरपुर के रहने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। आईजीएमसी के ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नाक में दिक्कत, नाक बंद होना, दाग धब्बा और तालू में समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। जरा सी लापरवाही करने से यह बीमारी जानलेवा बन सकती है।


अंधेरे वाली जगह पर न जाएं, शुगर रखें नियंत्रित
डॉक्टरो का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को जंगल, गोशाला और अंधेरे वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा हमेशा धुला और साफ  मास्क पहन कर रखें। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब इन मरीजों का शुगर बढ़ जाता है। ऐसे मरीज डॉक्टर के संपर्क में रहें और बिना जांच के कोई भी दवा नहीं लें।

इलाज के दौरान 300 से 400 तक बढ़ गया शुगर
मरीजों की सर्जरी करने से पहले जब चिकित्सक शुगर टेस्ट करते हैं तो यह बढ़ा हुआ नजर आता है। इससे सर्जरी करना मुश्किल हो जाता है। इलाज के दौरान सामने आया कि मरीजों का 300 से 400 तक शुगर बढ़ा हुआ था। है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक