असिस्टेंट प्रोफेसर मुस्कान चौथी बार बनी चुनाव आयोग की यूथ आइकॉन

Spread the love

देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। चुनाव आयोग की ओर से मतदान में भागीदारी बढ़ाने के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग ने संगीत की असिस्टेंट प्रोफेसर मुस्कान नेगी को स्टेट इलेक्शन कमिशन की यूथ आइकॉन बनाया है। मुस्कान को लगातार चौथी बार यह मौका दिया गया है। इससे पहले मुस्कान साल 2017 और साल 2022 के विधानसभा चुनाव के साथ साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी स्टेट यूथ आइकॉन रह चुकी हैं।       मुस्कान नेगी खुद एक खूबसूरत आवाज की भी मालिक हैं। वह अलग-अलग वाद्य यंत्रों को बजाना भी जानती हैं। इसके अलावा वे कॉलेज में भी बच्चों को संगीत की पढ़ाई करवा रही हैं। एक साधारण परिवार से संबंध रखने वाली मुस्कान नेगी ने न सिर्फ हिमाचल प्रदेश में बल्कि देश दुनिया में अपना नाम बनाया। साल 2018 में मुस्कान अमेरिका में भी परफॉर्म कर चुकी हैं।

 मुस्कान नेगी ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लें। उन्होंने विशेषकर महिलाओं और युवाओं से आगे जाकर वोट करने का आग्रह किया है। मुस्कान नेगी का कहना है कि वोट करना न सिर्फ हमारा अधिकार है, बल्कि यह हमारा कर्तव्य भी है। ऐसे में हमें अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के साथ अपने कर्तव्य का भी निर्वहन करना है।       

  वहीं शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय में संगीत विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं दे रही मुस्कान बचपन से ही 100 फीसदी दृष्टिबाधित हैं। उनके जीवन में कई बड़े संघर्ष रहे। मुस्कान भले ही खुद देख नहीं सकती, लेकिन वे अन्य लोगों को जीवन में राह दिखाने का काम कर रही हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज तक एडमिशन लेने के लिए भी मुस्कान नेगी को जीवन में संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। कड़ी मेहनत के बाद मुस्कान नेगी ने पहले नीट की परीक्षा पास की और बाद में भी संगीत विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक