चूड़धार यात्रा पर जा रहे पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टर सौगात भटनागर की तीसरी नामक स्थान पर सांस लेने में दिक्कत के चलते मौत हो गई। हालांकि उन्हें बचाने के लिए नोहराधार से पुलिस के 5 जवान, डॉक्टरों की टीम व भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीण चूड़धार के लिए रवाना हुए थे।
इसके अलावा राजस्व विभाग के 6 कर्मचारी भी चूड़धार के लिए गए थे। लोगों की सहायता से इन्हें नोहरा धार पहुंचाया गया जहाँ डॉक्टर ने इन्हें मृत घोषित किया।
। जानकारी के मुताविक पीजीआई चंडीगढ़ में कार्यरत डॉक्टर अपने साथी जस्मीन के साथ गुरुवार को नोहराधार से चूड़धार की यात्रा पर निकले थे।
शुक्रवार को यह लोग तीसरी नामक स्थान पर पहुंचे । जब तीसरी के नजदीक पहुंचे तो ज्यादा चढ़ाई के चलते डॉक्टर की सांसें फूलने लगी। तीसरी के समीप पहुंचे तो डॉक्टर भटनागर ने आगे न जाने को कहा और वहीं ढाबे में रुक गए जबकि साथी जस्मीन चूड़धार निकल गई। शाम को जस्मीन भी ढाबे पर पहुंची रात को यह दोनों यहीं रुक गए रात को डॉक्टर की तबियत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गए।
शुक्रवार देर शाम तक जब वह होश में नही आए तो उनके साथ गई जस्मीन ने देर शाम को 100 पर कॉल कर मदद मांगी जिसकी सूचना जिला प्रसाशन ने नोहराधार तहसील व नोहराधार पुलिस को दी । डॉक्टर सौगात कलकत्ता के निवासी थे व चंडीगढ़ पीजीआई में तैनात थे।
बताया जा रहा है कि डॉक्टर का वजन काफी ज्यादा था जिस कारण इन्हें सांस की दिक्कत पैदा हुई। बाकी ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से ऑक्सीजन की कमी आ गई। जिस कारण इनकी दिल की धड़कने बंद हो गई।
सीएचसी नोहराधार के चिकित्सक डॉ. सौरव शांडिल ने बताया कि सांस की दिक्कत व ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से चिकित्सक मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए राजगढ़ भेज दिया गया है।
तहसीलदार नौहराधार राजीव रांटा ने बताया कि रात को नाहन प्रसाशन से इस संबंध में फोन आया था। सुबह बचाव टीम भेजी गई थी। इनके लिए राजगढ़ से ऑक्सीजन सुविधा वाली एंबुलेंस भी मंगवाई गई थी।
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