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अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले सकेंगी बेटियां, लाल किले से PM मोदी का ऐलान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि देश भर के सभी सैनिक स्कूलों में लड़कियों को अब प्रवेश दिया जाएगा। 75वें स्वतंत्रता दिवस के मैके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि अब हर सैनिक स्कूल के दरवाजे देश की बेटियों के लिए खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि ये देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलपिंक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति गरीबी के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी ताकत बनेगी।

पीएम मोदी ने आगे बताया कि उन्हें देश भर की लड़कियों से सैनिक स्कूलों में पढ़ने की इच्छा व्यक्त करने को लेकर कई अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। उन्होंने कहा, ‘लाखों बेटियों से मुझे संदेश मिलता था कि वे भी सैनिक स्कूलों में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोल दिए जाने चाहिए। लगभग 2-2.5 साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में लड़कियों को प्रवेश देने का प्रयोग पहली बार किया गया था।

इस बीच, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए कहा कि यह गरीबी के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी ताकत बनेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश में 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 गरीबी के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी ताकत बनेगी।’ उन्होंने आगे कहा कि जब गरीब परिवारों की बेटियां और बेटे अपनी मातृभाषा में पढ़कर पेशेवर बन जाएंगे, तो उनकी क्षमता के साथ न्याय होगा।

नीति की विशेषता पर जोर देते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक और विशेष विशेषता है। इसमें खेल को पाठ्येतर के बजाय मुख्यधारा की शिक्षा का हिस्सा बनाया गया है। खेल भी उनमें से एक है और यह जीवन में आगे बढ़ने का सबसे प्रभावशाली माध्यम भी है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक

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