देश में राजमार्गों का जाल बिछाने वाली सरकारी कंपनी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) कर्ज में डूब गई है। नई सड़कें बनाने के लिए उसके पास पैसे की कमी पड़ गई है। NHAI पर कर्ज 1.78 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आशंका जताई जा रही है कि 2023 तक कर्ज का आंकड़ा 3.3 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। इसलिए सरकार ने फिलहाल सड़कें बनाने का काम रोकने की नसीहत दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय से केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेजी गई चिट्ठी में ऐसा करने को कहा गया है। टीओआई के हवाले से ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि पीएमओ ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि फिलहाल सड़क का बुनियादी ढांचा आर्थिक रूप से अस्थिर हो गया है।
पीएमओ ने मंत्रालय को कुछ सुधारात्मक कदम उठाने की भी नसीहत दी है। पीएमओ के मुताबिक, “NHAI सड़क संपत्ति प्रबंधन कंपनी में तब्दील हो।” इसके अलावा कहा गया है, “NHAI को उन सभी सड़कों के लिए एक राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड खाका तैयार करने की आवश्यकता है, जिन्हें 2030 तक राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में लेने की आवश्यकता है।” पीएमओ की तरफ से साफ-साफ कहा गया है कि NHAI सड़क परियोजनाओं के निर्माण को रोक दे। बता दें कि वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले 2018-19 में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति दोगुनी हुई है। 2014 में जहां 12 किलोमीटर सड़कें प्रतिदिन बनती थीं, वह आंकड़ा पांच साल में बढ़कर 2019 में 27 किलोमीटर प्रति दिन हो गया है। लेकिन अब इस रफ्तार पर ब्रेक लगने जा रहा है।
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