अटल टनल के लिए चुनौती बने पर्यटक

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अटल टनल रोहतांग में पर्यटकों के ओवरफ्लो के कारण जनजातीय जिला ईको सिस्टम को लेकर सरकारी तंत्र में भी चिंता के भाव उत्पन्न हुए हैं। इस कारण राज्य सरकार ने पहली बार रोहतांग टनल को लेकर 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का अध्यक्ष निदेशक टूरिज्म को बनाया गया है। यह कमेटी राज्य सरकार को इस क्षेत्र में ओवर टूरिज्म, ट्रैफिक मैनेजमेंट, सेफ , एडवेंचर एक्टिविटीज इत्यादि को लेकर सुझाव देगी और सुरक्षित एवं सतत टूरिज्म सुनिश्चित करेगी। अटल टनल रोहतांग के खुलने के बाद हर साल यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यदि पिछले दो साल की आंकड़े पर गौर करें, तो जनवरी 2022 से दिसंबर 2023 के बीच कुल 25 लाख 76 हजार गाडिय़ां अटल टनल से क्रॉस हुई हैं। इसी अवधि में एक करोड़ चार लाख पर्यटक यहां का दौरा कर गए हैं। यह संख्या हर साल बढ़ रही है। चिंता की बात यह है कि सोलंगनाला से लेकर लाहुल के सिस्सू तक कोई ढांचागत सुविधाएं इस अनुसार तैयार नहीं हुई हैं।

इतना टूरिस्ट फ्लो संभालने की क्षमता लाहुल में भी नहीं है। राज्य सरकार ने पिछले साल ही इस क्षेत्र को प्लानिंग एरिया के तहत भी लाया था, ताकि बेतरतीब भवन निर्माण न हो पाए। इन्हीं चिंताओं को अब यह नई कमेटी दूर करेगी। डायरेक्टर टूरिज्म इस कमेटी की अध्यक्ष हैं, जबकि डीसी कुल्लू, डीसी लाहुल, एसपी कुल्लू, एसपी लाहुल इस कमेटी के सदस्य होंगे। इनके अलावा कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट कुल्लू और लाहुल, टीसीपी निदेशक या उनके प्रतिनिधि, ज्वाइंट डायरेक्टर टुरिज्म, जिला पर्यटन विकास अधिकारी कम एसडीएम लाहुल भी मेंबर होंगे, जबकि जिला पर्यटन विकास अधिकारी कुल्लू को सदस्य सचिव बनाया गया है। प्रधान सचिव टूरिज्म देवेश कुमार का कहना की रोहतांग टनल बनने से यहां टूरिस्ट फ्लो अचानक बढ़ा है। इसलिए जरूरी एहतियात रखने और ईको सिस्टम को संभावित नुकसान से बचाने के लिए यह कमेटी बनाई गई है।

एक हफ्ते में तीन लाख पर्यटकों ने निहारी अटल टनल

लाहुल-स्पीति पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो मात्र एक सप्ताह में तीन लाख से ज्यादा सैलानियों ने अटल टनल रोहतांग और बर्फ को नजदीक से निहारा। गत 12 से 18 मई तक कुल 55606 पर्यटक वाहनों का आवागमन अटल टनल से हुआ। यदि एक वाहन में पांच या छह पर्यटक भी जाते हैं, तो 55606 वाहनों में यह आंकड़ा तीन लाख के करीब पहुंचता है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक