प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है। इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिमंडल (Cabinet) के सदस्यों को भी शपथ दिलाई गई। शनिवार तक पांचवी बार चुनाव जीते अनुराग ठाकुर की मंत्रिमंडल में शामिल होने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन रविवार सुबह से जेपी नड्डा की चर्चा शुरू हो गई थी।
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 7ः33 बजे शपथ ग्रहण की। मोदी के मंत्रिमंडल में चौथे स्थान पर शपथ के लिए आमंत्रित किए गए थे। नड्डा से पहले राजनाथ सिंह, अमित शाह व नितिन गडकरी ने शपथ ग्रहण की। साफ जाहिर है कि नड्डा को एनडीए-3.0 में पावरफुल मंत्रालय मिल सकता है।रविवार दोपहर बाद निवर्तमान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का एक बयान भी सामने आ गया था। इसमें अनुराग ने ये संकेत दे दिए थे कि वो मंत्री नहीं बन रहे। 2014 की मोदी कैबिनेट में नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय मिला था। एनडीए-2.0 के कार्यकाल में 20 जनवरी 2020 को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। सितंबर 2022 में नड्डा का कार्यकाल बढ़ाकर 2024 तक कर दिया गया था।
लोकसभा चुनाव के दौरान नड्डा इस कारण भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बयान दिया था कि भाजपा को अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जरूरत नहीं है। केंद्रीय राजनीति से पहले नड्डा हिमाचल की राजनीति में सक्रिय थे। 1998 से 2003 में धूमल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रहे। दूसरी धूमल सरकार में नड्डा को हालांकि वन मंत्री बनाया गया था, लेकिन मतभेद बढ़ने पर वन मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद वो दिल्ली चले गए थे। पार्टी के हिमाचल प्रभारी होने के नाते नरेंद्र मोदी का राज्य में आना-जाना हुआ करता था। इस दौरान नड्डा की मोदी से काफी करीबियां बनी थी।
बता दें कि 1993 में नड्डा पहली बार हिमाचल में विधायक बने थे। 1994 से 1998 तक विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे। 2007 में धूमल की दूसरी सरकार में मंत्री बनाए गए थे। ऐसे भी क्यास लगाए जाते रहे हैं कि मोदी ने ही नड्डा को राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने की सलाह दी थी।
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