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हिमाचल में मूसलाधार बारिश से तबाही, सात नेशनल हाईवे व 1155 सड़कें बंद

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हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य में आज भी कई इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी है और तबाही हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज सोलन और सिरमौर जिलों के लिए भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि मंडी, शिमला, कुल्लू, उना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

     मौसम विभाग ने चार और पांच सितंबर को तेज अंधड़ चलने और बिजली गिरने का येलो अलर्ट भी जारी किया है। छह से नौ सितंबर तक बारिश जारी रहने का अनुमान है, लेकिन इस दौरान किसी तरह की चेतावनी जारी नहीं की गई है। विभाग के वैज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि इस बार अब तक हिमाचल में सामान्य से 42 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।  भारी बारिश से मंडी और कुल्लू जिलों में सबसे अधिक तबाही हुई है। मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल में पहाड़ी से हुए भूस्खलन से दो मकान दब गए, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। वहीं कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार में आधी रात को हुए भूस्खलन में एक मकान के ऊपर भारी मलबा आ गिरा। मकान में रह रहे दो कश्मीरी मजदूर और एनडीआरएफ का एक जवान दब गए, जिनमें से एक मजदूर किसी तरह बाहर निकल आया, लेकिन दो लोग अब भी लापता हैं। राहत व बचाव कार्य एनडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की टीमों द्वारा चलाया जा रहा है।

राज्य के अन्य हिस्सों में भी लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। उधर लाहौल-स्पीति व कुल्लू की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।

बारिश से राजधानी शिमला और आसपास के क्षेत्रों में भी भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है। सुन्नी क्षेत्र में नदी का जलस्तर थल्ली पुल तक पहुंच गया है और कालीघाट व आईटीआई इलाके जलमग्न हो गए हैं। सुरक्षा को देखते हुए कोल डैम प्रबंधन से पानी का स्तर घटाने के निर्देश दिए गए हैं। कल एहतियातन दो परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।

भारी बारिश से पूरे प्रदेश में यातायात और जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार सुबह तक सात नेशनल हाईवे और 1155 सड़कें बंद हैं। बिलासपुर जिले में एनएच-21 और एनएच-205, कुल्लू में एनएच-03 और एनएच-305, किन्नौर में एनएच-05, लाहौल-स्पीति में एनएच-505, सिरमौर में एनएच-707 और मंडी जिले में एनएच-03 बंद हैं। अकेले मंडी में 282 सड़कें, शिमला में 234, कुल्लू में 204, सिरमौर में 137, सोलन में 92, कांगड़ा में 60, लाहौल-स्पीति में 48 और बिलासपुर में 37 सड़कें अवरुद्ध हैं।

वहीं, बारिश के चलते राज्यभर में 2477 बिजली ट्रांसफार्मर और 720 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं। कुल्लू में 951, सोलन में 529, सिरमौर में 273, मंडी में 266, शिमला में 258 और हमीरपुर में 59 ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। शिमला की 272 और कांगड़ा की 212 पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं।

बिलासपुर जिले के नैना देवी में बीती रात से सुबह तक सर्वाधिक 136 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा जोत में 100, पच्छाद में 77, कोठी में 68, चंबा में 66, बिलासपुर में 60, रोहड़ू व मनाली में 57-57 और शिमला में 31 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बांधों में बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। भाखड़ा डैम से आज 65,042 क्यूसेक और पौंग डैम से 79,659 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके चलते निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से एहतियात बरतने की अपील की गई है।

भारी बारिश से प्रदेश के कई जिलों में आज शिक्षण संस्थान बंद हैं। वहीं उना, मंडी और किन्नौर के कुछ उपमंडलों में भी अवकाश घोषित किया गया। प्रदेश में अब तक इस मानसून सीजन में वर्षा जनित घटनाओं में 341 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग अब भी लापता हैं। लगातार हो रही बारिश से आम लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं और सरकार ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक