हिमाचल को मिले 787 करोड़, 111 नए प्री प्राइमरी स्कूल खुलेंगे

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हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 787 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस बजट के तहत प्रदेश में 350 नए स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। 97 और स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू होगी। 111 नए प्री प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे। विद्यार्थियों की अंग्रेजी सुधारने के लिए लैंग्वेज लैब बनाई जाएंगी। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को 1600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था।

कोरोना संकट के चलते प्रदेश में करीब डेढ़ वर्ष से स्कूल बंद हैं। ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। कोरोना महामारी और बदलती शिक्षा व्यवस्था को देखते हुए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने स्मार्ट स्कूलों की संख्या बढ़ाने का मामला केंद्र के समक्ष उठाया। परिणामस्वरूप केंद्र ने प्रदेश को 350 और स्मार्ट क्लासरूम देने का फैसला लिया है। प्रदेश में 830 स्मार्ट क्लासरूम बनाने का काम पहले से ही जारी है। स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से प्रदेश के जिन स्कूलों में अगर किसी शिक्षक की कमी है तो वहां के विद्यार्थियों को अन्य स्कूलों से शिक्षक पढ़ा सकेंगे। शिमला में इसके लिए केंद्रीय स्टूडियो बनाया जाएगा। डिजिटल शिक्षण सामग्री भी इस स्टूडियो में तैयार की जाएगी। 


रोजगारपूरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वोकेशनल शिक्षा का दायरा बढ़ाने की भी केंद्र से मांग की गई। केंद्र ने प्रदेश के करीब एक हजार स्कूलों में दी जा रही वोकेशनल शिक्षा का दायरा और बढ़ाते हुए 97 स्कूल और इसमें शामिल कर दिए हैं। निजी स्कूलों का मुकाबले करने के लिए 3840 सरकारी स्कूलों में शुरू की गई नर्सरी-केजी की कक्षाओं को लेकर अभिभावकों का रुझान अधिक देखते हुए हिमाचल को 111 और प्री प्राइमरी स्कूल मिल गए हैं। इसके अलावा स्कूली विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में निपुण बनाने के लिए नई लैंग्वेज लैब भी खोलने को केंद्र ने हरी झंडी दे दी है।

साल 2020 के मुकाबले 295 करोड़ रुपये अधिक बजट
शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने हिमाचल प्रदेश को इस बार साल 2020 के मुकाबले 295 करोड़ रुपये अधिक बजट दिया है। पिछले साल प्रदेश को 492 करोड़ रुपये ही केंद्र से जारी हुए थे।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक